महाराष्ट्र में कितने दिनों में कंट्रोल में आएगा कोरोना, कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने दिया ये भरोसा
मुंबई, 18 अप्रैल: महाराष्ट्र में पिछले साल से कोरोना कभी कंट्रोल में नहीं आया है और दूसरी लहर में तो वहां हालात नियंत्रण से बाहर ही हो चुके हैं। लेकिन,महाराष्ट्र सरकार का दावा है कि उसने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने आज कहा है कि कोविड की तीसरी लहर के भी जल्द ही आने की संभावना है, हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि यह दूसरी लहर से ज्यादा ताकतवर होगा या कमजोर। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि वैक्सीनेशन से तत्काल फायदा नहीं मिलता तो भी इसके जरिए भविष्य के लिए तैयार हुआ जा सकता है।
हमारे
पास
पांच
लाख
बेड-आदित्य
ठाकरे
एनडीटीवी
सॉल्यूशंस
समिट
में
उन्होंने
आज
कहा,
'राज्य
में
आज
जो
भी
फैसले
लिए
जा
रहे
हैं,
वह
उस
टास्क
फोर्स
पर
आधारित
हैं,
जिसका
हमने
पिछले
साल
गठन
किया
था.....सिर्फ
साइंस
और
मेडिकल
फैक्ट्स
के
आधार
पर,
राजनीति
के
आधार
पर
नहीं।'
वो
बोले,
'हमें
पूरा
विश्वास
हो
चुका
है
कि
अंडर-रिपोर्टिंग
करने
से
कोई
लाभ
नहीं
मिलने
वाला......अब
हम
तीसरी
लहर
की
तैयारी
कर
रहे
हैं।
हमारे
पास
पांच
लाख
बेड
हैं,
जिनमें
से
70
फीसदी
पर
ऑक्सीजन
की
सुविधा
है।'
गौरतलब
है
कि
शनिवार
तक
राज्य
में
कुल
6,49,563
ऐक्टिव
केस
हो
चुके
थे;
और
वहां
कोविड
से
रोजाना
ठीक
होने
वालों
और
नए
संक्रमितों
का
फासला
10,000
से
भी
ज्यादा
हो
चुका
है।
यानी
जितने
मरीज
रोज
बढ़
रहे
हैं,
उनकी
तुलना
में
ठीक
होने
वालों
की
संख्या
काफी
कम
है।
10
से
15
दिनों
में
टूट
सकता
है
संक्रमण
का
चेन-
ठाकरे
बता
दें
कि
महाराष्ट्र
हमेशा
से
देश
में
कोरोना
से
सबसे
बुरी
तरह
प्रभावित
राज्य
रहा
है
और
शनिवार
को
वहां
67,123
नए
केस
सामने
आए
थे
और
419
लोगों
की
मौत
भी
हुई
थी।
अबतक
राज्य
में
कुल
37.7
लाख
लोग
इस
वायरस
से
संक्रमित
हो
चुके
हैं
और
इससे
हुई
मौतों
की
कुल
संख्या
करीब
60
हजार
के
पास
है।
हालांकि,
फिर
भी
उन्होंने
लोगों
से
कहा
है
कि
वो
घबराएं
नहीं।
जब
पूछा
गया
कि
प्रदेश
में
कोरोना
का
चेन
कब
तक
टूट
पाएगा
तो
जूनियर
ठाकरे
ने
कहा
कि
कंप्यूटर
से
निकाले
गए
आंकड़ों
के
मुताबिक
'10
से
15
दिनों
में....'
हालाांकि,
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
यह
सारा
कुछ
लोगों
के
बर्ताव
पर
निर्भर
है
और
इसके
बारे
में
ठोस
तौर
पर
कुछ
भी
नहीं
कहा
जा
सकता।
पिछली
बार
से
हालात
बेहतर-
ठाकरे
यही
नहीं
उन्होंने
दावा
किया
है
कि
प्रवासी
कामगारों
के
मामले
में
इस
बार
हालात
ज्यादा
अच्छे
हैं।
उनके
मुताबिक,
'राज्य
में
इसबार
प्रवासी
मजदूरों
की
स्थिति
ज्यादा
अच्छी
है,
क्योंकि
इसबार
अभी
तक
किसी
तरह
की
घबराहट
नहीं
है।
मैं
समझता
हूं
कि
हम
सब
अब
ज्यादा
अनुभवी
हो
चुके
हैं....चाहे
सरकार
हो,
चाहे
प्रवासी
मजदूर
या
फिर
उन्हें
रोजगार
देने
वाले
उद्योग।'
वैसे
तथ्य
ये
भी
है
कि
जबसे
उद्धव
सरकार
ने
राज्य
में
कोविड
नियंत्रण
के
लिए
सख्त
पाबंदियों
की
तैयारियां
शुरू
की
थीं,
ट्रेनों
में
भर-भर
कर
प्रवासी
मजूदरों
ने
पलायन
शुरू
कर
दिया
था
और
बिहार,
उत्तर
प्रदेश,
पश्चिम
बंगाल
और
झारखंड
में
कोविड
संक्रमण
में
आई
तेजी
के
लिए
यह
एक
बहुत
बड़ा
कारण
माना
जा
रहा
है।
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