Maharashtra: क्या आगे के इलेक्शन में सिर्फ NCP और बीजेपी के बीच ही होगा मुकाबला?
नई दिल्ली, 23 सितंबर: हाल ही में महाराष्ट्र के 17 जिलों में पंचायत चुनाव संपन्न हुए। बीजेपी और शिंदे गुट के गठबंधन का दावा है कि उन्होंने 547 में से 299 सरपंच पदों पर कब्जा जमाया है। जिसमें अकेले बीजेपी के पास 259 सीटें हैं। महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के गिरने के बाद ये पहला चुनाव था, ऐसे में बदले हुए समीकरण के बीच सभी पार्टियों का दम पता चल गया। इस चुनाव ने उद्धव गुट की भी टेंशन बढ़ा दी है।
इस पंचायत चुनाव में एनसीपी के पास 130 सरपंच पद आए हैं, जबकि कांग्रेस ने 80 पर कब्जा जमाया। इसके बाद शिवसेना के उद्धव गुट ने 40 सीटें हासिल कीं। वैसे ये आंकड़ा शिंदे गुट के बराबर है, लेकिन MVA गठबंधन में वो सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। वहीं जीत के बाद बीजेपी और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया। साथ ही ये चर्चा भी होने लगी कि अब सीधी लड़ाई बीजेपी और एनसीपी के बीच है, लेकिन उद्धव के समर्थक नेताओं का इस मामले में मत अलग है। उन्होंने कहा कि MVA ने करीब 250 सरपंच पद जीते हैं, ऐसे में इसे पूरे गठबंधन के तौर पर देखा जाए, ना कि अलग-अलग।
दूसरी ओर एमवीए नेताओं ने स्वीकार किया कि ये परिणाम संकेत देते हैं कि आगे बड़ी लड़ाई बीजेपी और एनसीपी के बीच होगी। उद्धव सेना महाराष्ट्र में लगातार होने वाले चुनावों में एनसीपी के लिए दूसरी भूमिका निभा सकती है। वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा इस परिणाम से साबित हुआ है कि लोगों का जनादेश हमारे साथ है। लोगों ने महाराष्ट्र में बीजेपी-शिंदे सेना गठबंधन को स्वीकार कर लिया है।
महाराष्ट्र में अब पवार को लगने वाला है झटका, शिंदे के संपर्क में एनसीपी विधायक
'NCP
शिवसेना
को
कर
देगी
खत्म'
वहीं
शिंदे
गुट
ने
इन
परिणामों
को
उद्धव
गुट
के
लिए
एक
सबक
बताया।
उसके
नेताओं
ने
कहा
कि
शुरुआत
से,
हमने
उद्धव
ठाकरे
को
चेतावनी
दी
थी
कि
एनसीपी
शिवसेना
को
खत्म
करने
के
लिए
तैयार
है,
लेकिन
उन्होंने
हमारी
चेतावनी
पर
कभी
ध्यान
नहीं
दिया।
उसका
परिणाम
सबके
सामने
है।
हालांकि
कांग्रेस
इस
जीत
को
सत्ता
के
बल
पा
पाई
हुई
जीत
मान
रही
है।
कांग्रेस
प्रदेश
अध्यक्ष
नाना
पटोले
ने
कहा
कि
जब
ग्राम
पंचायत
सदस्यों
की
बात
आती
है,
तो
MVA
बीजेपी
की
तुलना
में
मजबूत
है।
सरपंच
के
सीधे
चुनाव
पर
जोर
देने
के
सरकार
के
फैसले
से
उन्हें
मदद
मिली।