आर्यन खान को जमानत दिलाने वाले वकील मुकुल रोहतगी जानिए कितनी लेते हैं फीस, छोटे मामलों में नहीं फंसाते हाथ
मुंबई, 28 अक्टूबर। बॉलीवुड के 'किंग खान' यानी शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट का आदेश जारी होने के बाद आर्यन खान समेत अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी शुक्रवार या शनिवार तक रिहा किया जा सकता है। करीब 25 दिनों से मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को जमानत दिलाने में उनके वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बड़ी भूमिका निभाई। अपने बेटे को जेल से बाहर निकालने के लिए शाहरुख ने जानेमाने वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई के बाद मुकुल रोहतगी पर अपना भरोसा जताया था।
आर्यन खान के लिए लगी वकीलों की फौज
आर्यन खान को क्रूज शिप में कथित ड्रग्स पार्टी मामले में 2 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के बाद एनसीबी ने 3 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले आर्यन की जमानत याचिका मुंबई की लोअर कोर्ट, स्पेशल कोर्ट और सेशन कोर्ट से रद्द हो चुकी थी, जिसके बाद वकीलों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि आर्यन को छुड़ाने के लिए शाहरुख खान ने पहले से ही वकील सतीश मानशिंदे को हायर कर रखा था जिन्होंने संजय दत्त और सलमान खान का केस लड़ा था।
मुकुल रोहतगी ने दिलवाई जमानत
इसके बाद भी जमानत नहीं मिलने पर दिग्गज वकील अमित देसाई जुड़े लेकिन अंत में शाहरुख खान ने केस में आर्यन खान की पैरवी के लिए मुकुल रोहतगी पर भरोसा जताया। बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकुल रोहतगी वकील सतीश मानशिंदे के साथ मुख्य वकील के तौर पर अदालत में पेश हुए और उनका पक्ष रखा। हाई कोर्ट में तीन दिन चली बहस के बाद आखिरकार 25वें दिन आर्यन खान समेत अरबाज मर्चेंट और मुनमुन को जमानत मिल गई। आर्यन को बेल दिलाने में मुकुल रोहतगी ने अहम भूमिका निभाई।
मुकुल रोहतगी को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज
मुकुल रोहतगी द्वारा दिए गए तर्क और दलीलों की वजह से कोर्ट को बेल देने पर मजबूर होना पड़ा। आर्यन को जमानत मिलने के बाद से ही सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर पूर्व एजी मुकुल रोहतगी की चर्चा तेज हो गई है। लोग जानना चाहते हैं कि मुकुल रोहतगी की फीस कितनी है और आर्यन खान केस में उनकी एंट्री कैसे हुई? तो आपको बता दें कि आर्यन खान के लिए पैरवी करने वाले वकील मुकुल रोहतगी इससे पहले भी कई चर्चित केस का हिस्सा रहे हैं।
कैसे हुई आर्यन केस में एंट्री?
आर्यन खान की तरफ से हाई कोर्ट में दलीलें पेश करने वाले वकील मुकुल रोहतगी ने इस मामले पर पहले भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। निचली अदालत से आर्यन की याचिका खारिज होने के बाद मुकुल ने एनसीबी की आलोचना करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी को 'शुतुरमुर्ग' बताया था। मुकुल रोहतगी ने कहा था कि एनसीबी के पास आर्यन को कैद रखना का कोई ग्राउंड नहीं है, वह रेत में अपना सिर छिपाए शुतुरमुर्ग की तरह काम कर रही है। आर्यन खान को एक सिलेब्रिटी होने की कीमत चुकानी पड़ रही है। इसके बाद से ही माना जा रहा है कि आर्यन के लिए मुकुल रोहतगी से बाद की गई।
जूनियर वकील के तौर पर शुरू किया करियर
देश के 14वें अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी ने एक जूनियर वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। हालांक उनके पिता अवध बिहारी रोहतगी खुद दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे लेकिन उन्होंने मुंबई से लॉ की डिग्री लेने के बाद योगेश कुमार सभरवाल के जूनियर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की जो आगे चल के देश के 36वें चीफ जस्टिस बने। 1993 में रोहतगी को दिल्ली हाई कोर्ट में सीनियर काउंसिल का दर्जा मिला।
गुजरात दंगा सहित इन चर्चित मामलों की पैरवी की
19 जून, 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुकुल रोहतगी को अटॉर्नी जनलर नियुक्त किया था, वह 18 जून 2017 तक इस पद पर रहे। रोहतगी ने साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की पैरवी की थी। इसके अलावा फर्जी एनकाउंटर मामले में गुजरात सरकार और बेस्ट बेकरी केस, जाहिरा शेख मामला, योगेश गौड़ा मर्डर केस जैसे अन्य चर्चित मामलों की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की।
कितनी फीस लेते हैं मुकुल रोहतगी?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व अटॉर्नी जनरल और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी एक सुनवाई के लिए करीब 10 लाख रुपए फीस चार्ज करते हैं। हालांकि केस की गंभीरता को देखते हुए फीस कम-ज्यादा भी हो सकती है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा आरटीआई में दिए जवाब के मुताबिक जस्टिस बीएच लोया केस के लिए मुकुल रोहतगी को फीस के तौर पर कुल 1.21 करोड़ रुपए दिए गए थे।
यह भी पढ़ें: आर्यन खान की जमानत पर अरबाज के पिता बोले- मेरी पत्नी दिन नहीं मिनट गिन रही थी