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विद्रोह से दो दिन पहले आदित्य ठाकरे-संजय राउत के साथ एकनाथ शिंदे की हुई थी तीखी बहस

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मुंबई, 22 जून। महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच महा विकास अघाड़ी की सरकार पर खतरे की तलवार लटक रही है। जिस तरह से शिवसेना के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावती सुर छेड़े हैं उसने उद्धव ठाकरे की मुश्किल को बढ़ा दिया है। एकनाथ शिंद की नाराजगी को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। खुद शिंदे का कहना है कि वह बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व के साथ हैं। रिपोर्ट की मानें तो वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार से खुश नहीं है और चाहते हैं कि शिवसेना भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन करे।

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 दो दिन पहले ही हुई थी इस बात पर बहस

दो दिन पहले ही हुई थी इस बात पर बहस

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार महाराष्ट्र छोड़ने से दो दिन पहले एकनाथ शिंदे की आदित्य ठाकरे के साथ तीखी बहस हुई थी। आदित्य ठाकरे के अलावा शिवसेना के सांसद संजय राउत से भी एकनाथ शिंदे की कहासुनी हुई थी। महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव से पहले पवई स्थित रेनेसा होटल में ही शिवसेना के विधायकों को रखा गया था। सूत्र की मानें तो यह बहस अतिरिक्त वोट कांग्रेस के पक्ष में करने को लेकर हुई थी, जिसका शिंदे ने विरोध किया था। कांग्रेस के उम्मीदवार भाई जगताप को जीत के लिए जरूरी वोट तो मिल गए थे, लेकिन कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंदोर चुनाव जीत नहीं सके थे।

संजय राउत-आदित्य ठाकरे से बहस

संजय राउत-आदित्य ठाकरे से बहस

सूत्र ने बताया कि दो दिन पहले जब रेनेसा होटल में वोटों को लेकर चर्चा हो रही थी एकनाथ शिंदे शिवसेना सांसद संजय राउत और आदित्य ठाकरे के साथ सहमत नहीं थे। शिंदे इस बात से खुश नहीं थे कि शिवसेना के विधायक कांग्रेस के उममीदवार को विधान परिषद के चुनाव में जीत के लिए वोट करें। यही वजह है कि दोनों पक्षों में काफी बहस हुई। ऐसे में यह जो बहस हुई उसी के चलते एकनाथ शिंदे ने अलग रुख अख्तियार किया और पार्टी से बगावत कर दी। पिछले कुछ महीनों से पार्टी के भीतर जो कुछ चल रहा था उसको लेकर शिंदे कतई खुश नहीं थे और इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठारे को अलर्ट भी किया गया था।

कांग्रेस ने उतारे 2 उम्मीदवार

कांग्रेस ने उतारे 2 उम्मीदवार

बता दें कि कांग्रेस ने विधान परिषद के चुनाव में दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, बावजूद इसके कि उसके पास जीत के लिए सिर्फ एक ही उम्मीदवार का वोट था। कांग्रेस की ओर से जो लिस्ट जारी की गई उसमे पहले उम्मीदवार को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की गई थी, यही वजह है कि कांग्रेस ने सहयोगी दलों के भरोसे दूसरे उम्मीदवार के नाम का भी ऐलान कर दिया। लेकिन चुनाव में भाई जगताप जी गए हैं जबकि हंदौर चुनाव हार गए। वहीं भाजपा ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की और शिवसेना-एनसीपी ने 2-2 सीट पर जीत दर्ज की।

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English summary
Eknath Shinde had spat with Shiv Sena leader before two days of revolt.
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