महाराष्ट्र: दोस्त की 17 साल की बेटी से यौन शोषण मामले में DIG निशिकांत मोरे सस्पेंड, चल रहा फरार
नई दिल्ली. मुंबई में जिस डीआईजी पर 17 साल की नाबालिग लड़की का यौन शोषण किए जाने के आरोप थे, राज्य सरकार ने उसे सस्पेंड कर दिया है। आरोपी पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) निशिकांत मोरे पर एक वीडियो सामने आने के बाद कार्रवाई हुई। निशिकांत मोरे एक भगोड़े की तरह भाग निकला था। मोरे के खिलाफ निकटवर्ती नवी मुंबई की तालोजा पुलिस ने मामला दर्ज किया था। छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के दो हफ्ते बाद अब मोरे पर गाज गिरी है। हालांकि, वह अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है, क्योंकि फरार चल रहा है।
नवी मुंबई पुलिस के मुताबिक, छेड़छाड़ की घटना तालोजा में जून 2019 को 17 वर्षीय लड़की के घर पर उसके जन्मदिन की पार्टी में हुई थी। हालांकि, केस बीते 26 दिसंबर को दर्ज किया गया था। लड़की के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया कि आरोपी पुलिस अधिकारी पीड़िता के पिता दोस्त ही थे। वह एक आईपीएस अधिकारी भी था।
पीड़िता
के
परिजनों
को
डराने
की
कोशिश
की
थी
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
अनुसार,
जब
पीड़ित
लड़की
के
परिजन
मोरे
की
अग्रिम
जमानत
की
कार्रवाई
पर
सुनवाई
शुरू
होने
का
कोर्ट
में
इंतजार
कर
रहे
थे,
तभी
मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
का
ड्राइवर
उन्हें
धमकाने
के
लिए
पहुंच
गया
था।
उसने
लड़की
के
परिजनों
के
पास
आकर
दवाब
बनाया
था।
उसने
मुंबइया
अंदाज
में
लड़की
के
परिजनों
को
धमकाया
था
कि-
'मैं
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
का
ड्राइवर
हूं,
थोड़ा
शांत
रहने
का..।'
टाइम्स
नाउ
की
न्यूज
में
यह
बताया
गया
कि
धमकी
देने
वाले
ड्राइवर
की
पहचान
कॉन्स्टेबल
दिनकर
साल्वे
के
तौर
पर
हुई
और
उसे
उद्धव
की
ताजपोशी
के
एक
दिन
पहले
ही
सीएम
का
ड्राइवर
बनाया
गया
था।
हालांकि,
बाद
में
उस
आरोपी
ड्राइवर
को
मुख्यमंत्री
के
काफिले
से
हटाए
जाने
की
खबर
आने
लगीं।
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