पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मामले में CBI पहुंची हाईकोर्ट, कहा-जांच में सरकार नहीं कर रही सहयोग
मुंबई, अगस्त 05: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के मामले में सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रही है और ना ही दस्तावेज साझा नहीं कर रही है।
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सीबीआई बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद अनिल देशमुख मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम के साथ सहयोग नहीं कर रही है। सीबीआई ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से अदालत में आरोप लगाया कि मुंबई एसीपी सहयोग करने के बजाय इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी को धमका रहा है। अब कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही मामले को 11 अगस्त को सुनवाई के लिए पोस्ट किया।सीबीआई के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार से स्थानांतरण और पोस्टिंग पर दस्तावेजों की मांग नहीं करने के उनके पहले के बयान केवल राज्य की याचिका पर फैसला होने तक ही थे।
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गौरतलब है कि, एंटीलिया मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के एक पत्र से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल मचा दिया था। परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्टी लिखकर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर करप्शन के गंभीर आरोप लगाए थे। अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपए की डिमांड करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में अब ईडी जांच कर रही है। साथ ही अब सीबीआई भी इस मामले में अपनी अलग से जांच कर रही है। वहीं अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।