Bhima koregaon Row: एक्टिविस्ट वरवरा राव हुए जेल से रिहा, मेडिकल ग्राउंड पर मिली है जमानत
मुंबई। भीमा-कोरेगांव केस में दो साल से बंद 81 साल के कवि और एक्टिविस्ट वरवरा राव को कल देर रात जेल से रिहा कर दिया गया। राव शनिवार की रात करीब 11.45 बजे मुंबई के नानावती अस्पताल से बाहर आए। आपको बता दे कि उन्हें पिछले महीने ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर 6 महीने की जमानत दी थी। राव को इस शर्त पर जमानत दी गई कि वह मुंबई में रहे और जब भी जरूरत हो जांच के लिए उपलब्ध हो। यह आदेश जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने पारित किया है।
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मालूम हो कि भीमा कोरेगांव मामले के सिलसिले में 2018 में गिरफ्तार किए गए राव तब से जेल में ही थे। जेल में 81 वर्षीय राव कोरोनो पॉजिटिव आए थे, तब से वो अपने स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में थे। बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि हालांकि रिकॉर्ड दिखाता है कि अंडर-ट्रायल की स्वास्थ्य स्थिति अनिश्चित है, हमें लगता है कि उसकी स्थिति अनिश्चित है, उन्हें जेल भेजना जोखिम से भरा है, इस वजह से उन्हें बेल देना सही होगा।'
365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल-जेल में रहे राव
आपको बता दें कि वरवर राव उन 10 कार्यकर्ताओं में से एक है जिन्हें शुरू में पुणे पुलिस ने एल्गर परिषद और माओवादी संगठनों के बीच कथित सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामला 2020 के जनवरी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया गया था। कार्यकर्ताओं पर 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गर परिषद के सम्मेलन में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है। पुणे पुलिस ने आरोप लगाया है कि 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मालूम हो कि राव फरवरी, 2020 से अभी तक कुल 365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल-जेल में रहे हैं।
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