राज्यपाल Bhagat Singh Koshyari ने अमित शाह से मार्गदर्शन मांगा ! राजनीति छोड़ने की बात याद दिलाई, जानें माजरा
Bhagat Singh Koshyari ने अमित शाह से मार्गदर्शन मांगा। महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने कहा है कि वे 6 साल पहले ही सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते थे। अब नजरें 2019 में राज्यपाल बने कोश्यारी के भविष्य पर हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल Bhagat Singh Koshyari एक बार फिर अपने रूख को लेकर सुर्खियों में हैं। संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने शाह को छह साल पुरानी बात याद दिलाते हुए कहा है कि वे 2016 में ही सक्रिय राजनीति से अलग होना चाहते थे। महाराष्ट्र की पिछली सरकार से तकरार के कारण भी कोश्यारी सुर्खियों में रहे थे।
तीन साल पहले बने राज्यपाल
बीजेपी के दिग्गज नेता रहे भगत सिंह कोश्यारी 2019 में राज्यपाल बने थे। शिवाजी पर अपनी हालिया टिप्पणियों के कारण आलोचना का केंद्र बने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विगत 6 दिसंबर को अमित शाह को लेटर लिखा। कोश्यारी ने पत्र में सत्तारूढ़ भाजपा को यह तय करने को कहा कि उन्हें राज्यपाल का पद छोड़ना चाहिए या नहीं।
बता दें कि कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर "मार्गदर्शन" की अपील करते हुए यह भी याद दिलाया है कि वह 2016 में सक्रिय राजनीति छोड़ना चाहते थे। उन्होंने लिखा, "अमित भाई, आप जानते हैं कि 2016 में, जब आप हल्द्वानी (उत्तर प्रदेश) में थे, तो मैंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि मैं 2019 का चुनाव नहीं लड़ूंगा और राजनीतिक पदों से दूर रहूंगा। लेकिन मेरे जैसे विनम्र कार्यकर्ता में आप और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के प्यार और विश्वास के कारण मैंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद स्वीकार किया।"
बकौल राज्यपाल कोश्यारी, आप जानते हैं कि अगर मैंने अनजाने में कोई गलती की है, तो मैं तुरंत माफी मांगने या खेद व्यक्त करने में संकोच नहीं करूंगा। मैं गुरु गोबिंद सिंह और छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों का अपमान करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। उन्होंने मुगल शासन के दौरान बलिदान की मिसाल कायम की। मैं अनुरोध करता हूं कि आप वर्तमान संदर्भ में मेरा मार्गदर्शन करें।
गौरतलब है कि 2019 में राज्यपाल बने भाजपा के दिग्गज नेता कोश्यारी के कमेंट के कारण न केवल विपक्ष हमलावर है; बल्कि उन्हें महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे-भाजपा गठबंधन के नेताओं की तरफ से भी निंदा का सामना करना पड़ा है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार के सम्मान में पिछले महीने आयोजित एक समारोह में कोश्यारी ने टिप्पणी की थी। कोश्यारी ने कहा था, इससे पहले, जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकन कौन है, तो जवाब जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी होंगे। महाराष्ट्र में, आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है (क्योंकि) यहां बहुत सारे आइकन हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के आइकन हैं। अब बीआर अंबेडकर और नितिन गडकरी हैं।
बयान के तुरंत बाद गडकरी ने स्पष्टीकरण दिया और कहा, "शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं... हम उन्हें अपने माता-पिता से भी ज्यादा मानते हैं।" केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी के अलावा मुख्यमंत्री शिंदे की टीम के नेताओं ने भी कोश्यारी की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। प्रतिद्वंद्वी उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना सेना गुट ने सरकार को राज्यपाल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की चुनौती दी।
इसी प्रकरण में एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पिछले महीने कहा था, "एक बात स्पष्ट है, जब तक सूर्य और चंद्रमा मौजूद हैं, छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र और हमारे देश के नायक और आदर्श बने रहेंगे। यहां तक कि कोश्यारी को भी इस बारे में कोई संदेह नहीं।" बकौल फडणवीस, भले ही राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणियों के अलग-अलग अर्थ निकाले गए हैं, लेकिन शिवाजी की महानता की बात कोश्यारी के दिमाग में भी है।
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