Baramati Assembly Election Results : बारामती में कायम पवार फैमिली की बादशाहत, अजित पवार को मिले एक लाख से ज्यादा वोट
बारामती। महाराष्ट्र की बारामती विधानसभा सीट पर एक बार फिर से पवार फैमिली की पावर कायम है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में यहां पर शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एक बार बड़ी जीत दर्ज की है। एनसीपी के अजित पवार को की जीत तय मानी जा रही है। पवार का मुकाबला बीजेपी के गोपीचंद पडलकर से था और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को बुरी तरह से शिकस्त दी है। पवार को कुल वोट्स में से 83.3.21 प्रतिशत वोट्स हासिल हुए हैं।
पवार फैमिली का वर्चस्व
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम रहे 193505 वोट्स हासिल हुए। उनके प्रतिद्वदीं गोपीचंद को सिर्फ 11 प्रतिशत वोट ही मिल सके। यहां पर 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। गोपीचंद को सिर्फ 1414 वोट ही हासिल हुए हैं। बारामती, महाराष्ट्र का वह शहर है जहां की विधानसभा सीट पर हमेशा से पवार फैमिली की बादशाहत रही है। पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व शरद पवार करते थे, बाद में साल 1991 से अजित पवार लगातार इस सीट से जीतते रहे हैं। बारामती विधानसभा सीट से शरद पवार 27 वर्षों तक(1967-1990) विधायक रहे। जब 1991 में शरद पवार नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री बने तो फिर उनके भतीजे अजीत पवार इस सीट से विधायक हुए। बारामती खेती-किसानी के लिए मशहूर है। पवार छह बार इस सीट से जीत चुके हैं। यह शहर करहा नदी के तट पर स्थित है। करहा नदी की वजह से इसके दो हिस्से हुए हैं। बारामती, गन्ने और अंगूर की पैदावार के लिए मशहूर है। यहां से शक्कर और अंगूर पूरे यूरोप में भेजे जाते हैं।
सीट का चुनावी इतिहास
अप्पा साहेब पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले, सुनंदा पवार इन्होंने सामाजिक कार्य, राजनीतिक, शैक्षणिक कार्य बारामती में बहुत ही अनोखे ढंग से किया है। यहां ज्यादातर गन्ने की खेती होती है। यहां चीनी मिले हैं। इस सीट पर कुल 309993 वोटर्स हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में 73 प्रतिशत वोटर्स ने मतदान किया था। उस समय एनसीपी के टिकट पर अजित पवार ने 65.98 प्रतिशत वोट पाकर सीट जीती थी। अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में राज्य के उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के टिकट पर अजित पवार चुनाव मैदान में उतरे थे। उन्होंने बीजेपी के प्रभाकर दादाराम गावड़े को 12679 वोटों से हराया था।साल 2009 के विधानसभा चुनाव में 128544 वोट पाकर अजित पवार ने निर्दलीय उम्मीदवार रंजन कुमार शंकर को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। 1967 से लेकर अब तक इस सीट पर शरद पवार परिवार का कब्जा रहा सिर्फ 1962 में कांग्रेस उम्मीदवार मालतीबाई माधवराव शिरोले जीतीं थीं।