Maharajganj: मॉक ड्रिल के दौरान पिस्तौल में गोली नहीं भर पाए दरोगा, SSP ने कहा, 'फिर से लो ट्रेनिंग'
महाराजगंज। यूपी पंचायत चुनाव 2021 को लेकर जिले स्तर पर पुलिस ने भी अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच महाराजगंज जिले एक खबर सामने आई, जो काफी हैरान करने वाली है। दरअसल, महाराजगंज जिले में पंचायत चुनावों को देखते हुए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था. मॉल ड्रिल में कई पुलिसकर्मी पिस्तौल में गोली तक नहीं भर सके।
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जिले के कप्तान के सामने उनके माथेपर पसीना आने लगा। कई बार कोशिश करने के बाद जब वो पिस्तौल में गोली नहीं भर पाए तो एसपी ने कहा, 'चलो, फिर लो ट्रेनिंग।' इस दौरान एसपी ने जिले में आयोजित होने वाले पंचायत चुनावों लेकर दिशा-निर्देश भी दिए। एसपी ने कहा कि पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे में अभी से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
कहा कि पिछले चुनाव में जिन गांवों में विवाद की नौबत आई थी, वहां पुलिस अफसर खुद पहुंचे। ग्रामीणों व संभावित प्रत्याशियों के साथ बैठक कर शांति व्यवस्था की अपील करें। अराजकतत्वों को चिन्हित कर लें। पुलिस वालंटियर की टीम को सक्रिय करने के साथ ही जन संवाद भी कायम करें।
45
डिग्री
पर
नहीं
चला
पाए
टीयर
गन
बार्डर
के
थाने
में
तैनात
एक
थानेदार
से
एसपी
प्रदीप
गुप्ता
ने
45
डिग्री
पर
टीयर
गन
चलाने
को
कहा।
थानेदार
टीयर
गन
लेकर
खड़े
तो
हो
गए,
लेकिन
45
डिग्री
और
90
डिग्री
में
कोई
फर्क
नहीं
कर
पाए।
आसपास
खड़े
दूसरे
थानेदारों
ने
उनकी
मदद
की
तब
वह
टीयर
गन
चला
पाए।
एक
अन्य
थानेदार
बुलेट
का
पैकेट
फाड़ने
में
भी
असफल
रहे।
कई
हुए
पास
तो
कई
फेल
ट्रेनिंग
के
दौरान
पम्प
एक्शन
गन,
टीयर
गैस
गन,
टीयर
गैस
सेल
जैसे
कई
एंटी
राइट
एक्यूपमेंट
के
प्रयोग
के
लिए
सिलसिलेवार
थानेदारों
और
उप
निरीक्षकों
को
मौका
दिया
गया।
लेकिन
एसपी
के
सामने
मॉक
ड्रिल
में
कई
पास
हुए
हुए
तो
कुछ
फेल
भी
हो
गए।
एसपी
प्रदीप
गुप्ता
ने
सभी
पुलिस
कर्मियों
को
अपनी
जिम्मेदारियों
के
प्रति
मुस्तैद
रहने
का
निर्देश
दिया।
काफी
उपयोगी
होते
हैं
ऐसे
प्रशिक्षण:
एसपी
इस
दौरान
एसपी
प्रदीप
गुप्ता
ने
कहा
कि
पंचायत
चुनाव
में
सुरक्षा
व्यवस्था
को
दृष्टिगत
रखते
हुए
पुलिस
कर्मियों
को
दंगा
रोधी
हथियारों
का
प्रशिक्षण
दिया
गया।
इसमें
कुछ
थानाध्यक्षों
का
प्रदर्शन
बेहद
अच्छा
था।
जिनको
दिक्कत
आई
उन्हें
जानकारी
दी
गई।
मौके
पर
ही
सिखाया
गया।
ऐसे
प्रशिक्षण
काफी
उपयोगी
होते
हैं।