खुले में शौच करते देखा तो महिला अफसर ने लगवाई उठक-बैठक
बात पन्ना जिले के गुनोर जनपत की करें तो 83 पंचायतों में से 50 ग्राम पंचायतों के गांव शौचालय के लिए तरस रहे हैं। गांव वालों का आरोप है कि शौचालय बनाने की राशि सरपंच, सचिव और उपमंत्री ने मिलकर हड़प लिया
मध्यप्रदेश। पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगाते दिखाई दे रहे हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक सरकारी कर्मचारी को खुले में शौच करना महंगा पड़ गया। सीईओ शिखा भलावी दौरे पर थीं, इसी दौरान उन्होंने गुनोर गांव के एक ग्राम पंचायत सचिव अनिरुद्ध सिंह को खुले में शौच करते देखा तो तुरंत हरकत में आ गईं और उन्होंने मौके पर ही इस कर्मचारी का कान पकड़वाकर उठक-बैठक लगवाई।
बात पन्ना जिले के गुनोर जनपत की करें तो 83 पंचायतों में से 50 ग्राम पंचायतों के गांव शौचालय के लिए तरस रहे हैं। गांव वालों का आरोप है कि शौचालय बनाने की राशि सरपंच, सचिव और उपमंत्री ने मिलकर हड़प लिया है। शिकायत करने के बावजूद जिला पंचायत के अधिकारी जांच करने में भी हिचकिचाते हैं।
यहां सुगरहां ग्राम पंचायत में 80 फीसदी ग्रामीण खुले में शौच करते हैं जबकि यहां शौचालय निर्माण के नाम पर 60 लाख रुपए की सरकारी धनराशि खर्च हो चुकी है। पीएम के इस मिशन में लोगों की सहभागिता के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। खुद पीएम मोदी कई बार अपने भाषणों से स्वच्छता की अहमियत समझाते सुने जाते हैं तो ऐसे में सरकारी कर्मचारी और यहां तक कि नेता-मंत्री भी कई बार स्वच्छता के प्रति अपनी लापरवाही दिखाते रहे हैं।
अभी कुछ महीनों पहले ही कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह अपनी स्वच्छता नीतियों की लापरवाही के चलते सुर्खियों में थे। एक दौरे पर उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी। तब सरकार की स्वच्छ नीतियों को ऐसे नेताओं ने खोखला साबित कर दिया था। आए दिन ऐसी तस्वीरें दिखाई देती हैं, स्वच्छता पर असल जागरुकता आखिर इन नुमाइंदों से ही समाज में आगे बढ़ेंगी, तो क्यों ना इन लोगों को स्वच्छता की अहमियत समझाने के लिए सरकार इन कर्मचारियों को कोई प्रशिक्षण कोर्स दिलवा दे रही है!
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