'मेरी कलाई पर अब कौन बांधेगा राखी', 4 साल से दो भाई अपनी बहन का कर रहे इंतजार
छिंदवाड़ा। रक्षाबंधन त्योहार पर भाइयों को भी इंतजार होता है कि कब अपनी बहनों से वो राखी बंधवाएगें। लेकिन जेल बगीचे में रहने वाले नामदेव बाडबुधे के बेटे सचिन और सोनू को आज भी अपनी बहन का इंतजार है। तीन साल पहले उसकी बहन ममता कहीं खो गई है। आज भी दोनों भाई राखी रखकर अपनी बहन का उसका इंतजार कर रहे हैं।
स्वामी विवेकानंद परिसर (जेल बगीचा) की दुकानों में चौकीदारी करने वाले 40 साल के नामदेव बाडबुधे आज अपनी बेटी के लिए तरस रहे हैं। नामदेव का कहना है कि उसने 3 जनवरी 2014 को कोतवाली में अपनी बेटी के गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लेकिन आज तक उसकी बेटी का कोई सुराग नहीं मिला। उसका बेटा सचिन कहता है उसकी बहन उसे राखी बांधती थी, अब कौन उसे राखी बांधेगा।
नामदेव के अनुसार 2 जनवरी 2014 की रात करीब साढ़े 8 बजे उसकी पत्नी सुकरवती घर में खाना पका रही थी।उसकी 7 वर्षीय बेटी ममता उर्फ बिल्ली उर्फ भूरी सामने बिरयानी वाले की बेटी के साथ खेल रही थी। नामदेव जब बाहर से वापस आया तो उसकी बेटी के न दिखने पर उसे ढूंढने लगा। बिरयानी वाले कि लड़की ने बताया कि किसी चाचा के साथ गई है। दूसरे दिन तक तलाश करने के बाद संजू रिक्शे वाले ने बताया कि राजू रिक्शे वाला बच्ची को हाथ पकड़कर रेलवे स्टेशन तरफ ले जा रहा था। उसने दोनों को ट्रैफिक थाने के सामने दिखा था।
रेलवे स्टेशन में ढूंढने के बाद न मिलने पर राजू रिक्शे वाले के घर जाकर देखा तो उसके घर में ताला लगा था। नामदेव का आरोप है कि राजू रिक्शे वाले ने उसकी बेटी का अपहरण किया है। ये बात उसने उसी दिन सुभाष चायवाले को संजू रिक्शेवाले के मकान मालिक को भी बताया था। तब जाकर थाने में रिपोर्ट लिखवाया। लेकिन तब से लेकर आज तक पुलिस ने इस मामले की सुध लेना जरूरी नहीं समझा। थाना प्रभारी से बात की, तो थाना प्रभारी राकेश भारती ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर बच्ची को ढूंढने की बात कही।