टीटू भैंस चरवाह सर्विस की हकीकत, आखिर किसने शुरू किया है भैंस चराने का बिजनेस?
सीहोर। सोशल मीडिया पर एक अनूठी सर्विस का विजिटिंग कार्ड तेजी से वायरल हो रहा है। हो भी क्यों नहीं? आखिर यह सर्विस ही अनूठी है। भैंस चराने की सर्विस है। वायरल कार्ड में भैंस चरवाने के लिए सम्पर्क करने को कहा गया है। भैंस चराने वाले एक्सपर्ट का नाम लिखने के साथ-साथ उसके घर का पता, ईमेल आईडी व मोबाइन नंबर और कस्टमर केयर के नंबर भी लिखे हुए हैं। वायरल कार्ड के मुताबिक मध्य प्रदेश के सिरोह जिले के मिनीखेड़ी से एक किलोमीटर पश्चिम में स्थित खेत में टीटू भैंस चरवाह सर्विस का कार्यालय भी है। चरवाह स्पेशलिस्ट के तौर पर राहुल मीना का नाम दिया गया है।
जानिए टीटू भैंस चरवाह सर्विस की सच्चाई
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस अनूठे बिजनेस के बारे में दी जानकारी सही हैं। साथ ही राहुल मीना नाम का युवक भी हकीकत में है। राहुल मीनीखेड़ी गांव का ही रहने वाला है, मगर इस वायरल तस्वीर की सच्चाई कुछ और है। दरअसल, मीडिया की टीम वायरल विजिटिंग कार्ड पर दिए गए पते की पड़ताल करते हुई राहुल मीना के घर पहुंची। घर पर उसके परिजन मिले। उन्होंने बताया कि उनको बेटे द्वारा भैंस चरवाह सर्विस खोले जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
दूसरे नंबर से हो पाई बात
भैंस चरवाने के लिए वायरल हो रहे विजिटिंग कार्ड पर दो मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं, मगर दोनों ही बंद आ रहे हैं। मीडिया की टीम को राहुल के परिजनों ने उसका दूसरा नंबर उपलब्ध करवाया। जिस पर बात करने पर राहुल ने बताया कि उसने ऐसी कोई सर्विस शुरू नहीं की है। वो तो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है।
फिर किसकी है टीटू भैंस चरवाह सर्विस
पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक जब राहुल को मीडिया ने उसके नाम से टीटू भैंस चरवाह सर्विस और उल्लेख नाम का उल्लेख होने के बारे में जाना तो पूरी सच्चाई राहुल ने खुद ही बयां कर दी। दरअसल, राहुल के दोस्तों ने मजाक मजाक में उसके नाम से यह विजिटिंग कार्ड बनाया था। बाद में सोशल मीडिया में वायरल हो गया। ऐसी कोई सर्विस नहीं है।