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तपोस्थली में होगी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि, सीएम शिवराज समेत नेताओं ने जताया दुःख

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नरसिंहपुर, 11 सितंबर: जगदगुरु स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर से उनके शिष्यों में गहरा शोक व्याप्त हैं। मप्र के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित उनकी तपोस्थली पर भक्तों का तांता लगा हैं। स्वरूपानंदजी के कई नेता और देश की बड़ी हस्तियां अनुयायी रहे हैं। सोमवार की शाम 4 बजे समाधि कार्यक्रम रखा गया हैं। अंतिम दर्शनों के लिए उनका पार्थिव शरीर गंगा कुंड तक ले जाया गया।

सोमवार की शाम 4 बजे आश्रम में समाधि

सोमवार की शाम 4 बजे आश्रम में समाधि

स्वामी स्वरूपानंद महाराज के निधन की खबर से देश भर में शोक की लहर हैं। जैसे ही दुःख भरी यह खबर उनके भक्तों को लगी तो मप्र के झोतेश्वर स्थित आश्रम लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। पार्थिव शरीर को पालकी से भगवती मंदिर के नीचे गंगा कुण्ड तक ले जाया गया। जहां सोमवार को समाधि के पूर्व तक भक्तगण स्वामीजी के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। पार्थिव शरीर के समक्ष उनके शिष्य राम धुन और कीर्तन करते दिखे।

सीएम शिवराज ने जताया शोक

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी स्वामीजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि

भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे। भारतीय ज्ञान परम्परा में आपके अतुलनीय योगदान को अखिल विश्व अनंत वर्षों तक स्मरण रखेगा। पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के चरणों में अनंत श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले यह पीड़ादायक खबर

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले दिनों महाराजजी के 99वें प्राकट्योत्सव में शामिल हुए थे। ट्वीट करते हुए कमलनाथ ने लिखा कि

परम पूज्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकराचार्य सरस्वती जी के देवलोक गमन का समाचार बेहद दुखद व पीड़ादायक है। अभी कुछ दिन पूर्व ही उनके 99वें प्राकट्योत्सव एवं शताब्दी प्रवेश वर्ष महोत्सव में शामिल होकर उनके श्रीचरणो में नमन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला था। गुरु जी का आशीर्वाद व स्नेह हम सभी पर सदैव रहा है। गुरु जी ने जीवन पर्यन्त धर्म , जनसेवा , समाज कल्याण , परोपकार , मानवता के कई उल्लेखनीय कार्य किये है। उनका जाना धर्म के क्षेत्र की एक ऐसी क्षति है जो अपूरणीय है। उनके श्रीचरणो में नमन।

परम भक्तों में शामिल रहे दिग्विजय सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के परम भक्तों में से एक रहे। जब कभी भी राजनीतिक या फिर कोई सामाजिक परेशानी से दिग्विजय सिंह जूझे तो उन्होंने महाराजश्री की ही शरण ली। दिग्विजय लगभग उनके हर बड़े कार्य्रकम में शामिल होते आए। स्वामीजी के निधन पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा कि

हमारे पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन की खबर मेरे लिए गहरे आघात जैसी है और बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक तो थे ही, मेरे बहुत बड़े शुभचिंतक भी थे। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ॐ शांति।

नेता, मंत्री और शिष्यों का लगा तांता

नेता, मंत्री और शिष्यों का लगा तांता

स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए उनके तपोस्थली में ही रखा गया हैं। शाम से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सोमवार को भी हजारों भक्त उनके अंतिम दर्शन करेंगे। स्थानीय प्रशासन ने भीड़ के मद्देनजर विशेष व्यवस्थाए की है। गाड़ियों की पार्किंग से लेकर भक्तों के आश्रम स्थल तक पहुंचने अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए है। ताकि एक ही वक्त में किसी को दर्शन करने में कोई असुविधा न हो।

ये भी पढ़े-स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलिये भी पढ़े-स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि

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English summary
Swami Swaroopanand Saraswati's tomb will be in Taposthali jhoteshwar Crowd of devotees for last darshan
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