मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ में बेचने आए सवा करोड़ कीमत का रेड सैंड बोआ सांप, जानिए पूरा मामला
राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में नरसिंहगढ़ बस स्टैंड के पास से पांच लोगों को हिरासत में लेकर इनके पास दुर्लभ प्रजाति के लाल रेत बोआ सांप (रेड सैंड बोआ स्नैक) बरामद किया है। पांचों व्यक्ति इस सांप को बेचने की फिराक में थे। इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में करीब सवा करोड़ रुपए कीमत है।
पुलिस के अनुसार के रविवार को पकड़े गए पांच लोगों में से तीन नाबालिग हैं। इनसे छुड़वाया गया लाल रेत बोआ सांप बेहद दुर्लभ है। इसका इस्तेमाल यौन क्षमता बढ़ाने की दवाइयां, कॉस्मेटिक क्रीम, काला जादू आदि में किया जाता है। अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में रेड सैंड बोआ सांप की भारी मांग है। पकड़े गए लोगों का भी यह मानना था कि इस सांप की उन्हें अच्छी कीमत मिल सकती है।
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नरसिंहगढ़ थानाधिकारी कैलाश भारद्वाज ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग बस स्टैण्ड के पास किसी को सांप बेचने के लिए मोबाइल पर बात कर रहे हैं। इस पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और पांचों व्यक्तियों को पकड़कर थाने लाई। उनके पास से प्लास्टिक के बैग में रखा सांप भी बरामद किया। आरोपी पवन नागर और श्याम गुर्जर को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि सांप की कीमत करीब एक करोड़ 25 लाख रुपए है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे मध्य प्रदेश के सिहोर जिले से इस सांप को लेकर आए थे। यहां नरसिंहगढ़ में बेचने के लिए आए थे। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है रेड सैंड बोआ सांप
बता दें कि रेतीली सतहों पर रहने और इस सांप का रंग लाल होने के कारण इसे रेड सैंड बोआ कहा जाता है। यह सांप रात में ही निकलता है। मोटे आकार के चलते थोड़े सुस्त चाल का होता है। खास बात है कि रेड सैंड बोआ कभी खुद अपने बिल नहीं बनाता। चूहों को उनके बिल में घुसकर खाता है और बिल पर कब्जा जमा लेता है। दूसरे सांप को भी खा लेते हैं। इसमें जहर नहीं होता। मादा रेड सैंड बोआ 6 से 8 की तादाद में बच्चे देती है। बोआ की खासियत है इसकी पूंछ, जो मुंह की तरह दिखती है, इसलिए इसे दोमुंहा सांप भी कहा जाता है।