MP: कूड़ा बीनने वाले के बेटे का एम्स में हुआ सिलेक्शन, राहुल गांधी ने दी बधाई तो शिवराज उठाएंगे पढ़ाई का खर्चा
भोपाल। मध्य प्रदेश के देवास नाम के छोटे से शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर विजयागंज मंडी में रहने वाले आशाराम चौधरी का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। आशाराम चौधरी बेहद गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता पन्नी और खाली बोतलें बीनकर घर चलाते हैं। कचरा और पन्नी बीनने वाले के बेटे आशाराम ने पहली बार में बिना किसी कोचिंग के एम्स एंट्रेंस एग्जाम में ऑल इंडिया 707 रैंक हासिल की है। ओबीसी श्रेणी के दो लाख विद्यार्थियों के बीच आशाराम ने 141वीं रैंक हासिल की है।
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सोशल मीडिया बना मददगार
आशाराम ने ये मुकाम हासिल कर एक बार फिर साबित कर दिया है कि सफलता संसाधनों की मोहताज नहीं होती। लेकिन कंगाली आशाराम की बाधा बनकर खड़ी हो गई। आशाराम ने डॉक्टर बनने के लिए एम्स का एग्जाम तो पहले ही प्रयास में क्लियर कर लिया, मगर भारी-भरकम फीस भरने के लिए उनके पास पैसे ही नही थे। जब उन्होंने ये अपनी पीड़ा किसी को बताई तो उसने उनकी व्यथा को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
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एमपी के सीएम शिवराज सिह ने की मदद
सोशल मीडिया पर एक भैयाजी नाम के पेज ने इसे मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग करते हुए ट्विटर पर मदद की अपील की। ट्वीट के कुछ ही देर में सीएम शिवराज ने रिप्लाई किया, 'इस ओर ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया। मैंने देवास के कलेक्टर से तुरंत आर्थिक मदद उपलब्ध कराने को कहा है और वह अब आशाराम के संपर्क में हैं। आशाराम मेधावी विद्यार्थी योजना के लिए पात्र हैं और हम उनकी फीस भरेंगे। मैं उससे खुद बात करूंगा और इस सफलता के लिए बधाई दूंगा।'
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सरकार ने दिया घर और बिजली का कनेक्शन
आशाराम की खुशी का सिलसिला यहीं नहीं थमा। शिवराज ने कुछ देर बाद एक और ट्वीट किया और लिखा, 'मुझे पता चला कि आशाराम के पास पक्का मकान भी नहीं है और उनके पास टॉयलेट और बिजली की भी सुविधा नहीं है। हम उन्हें कई सरकारी योजनाओं के तहत ये सारी सुविधाएं देने जा रहे हैं। कौन कहता है कि सोशल मीडिया सिर्फ नफरत फैलाता है। यह प्यार भी फैलाता है और लोगों की जिंदगी में खुशियां भी लाता है।'
राहुल गांधी ने कहा बेस्ट ऑफ लक
सोमवार 23 जुलाई से उनकी कक्षाएं शुरू होंगी। आशाराम की सफलता पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर उन्हें बधाई देते हुए बेस्ट ऑफ लक कहा है। इसके साथ ही देवास कलेक्टर ने आशाराम की मेडिकल पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की बात कही है। शनिवार को कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय ने आशाराम को अपने ऑफिस में बुलाकर प्रशंसा पत्र व 25 हजार रुपए का चेक दिया और उनकी सफलता को प्रदेश के लिए गौरव बताया।