गर्भवती महिला को लकड़ियों के सहारे झोली में लटका ले गए 3 KM, दो घंटे तक दर्द से कराहती रही वो, Video
गर्भवती को लकड़ियों के सहारे झोली में लटका ले गए 3 KM, दो घंटे तक दर्द से कराहती रही वो
सीहोर। हिन्दुस्तान 15 अगस्त 2019 को 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। वर्ष 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से देश में काफी कुछ बदल गया। तरक्की के नए रास्ते खुल गए। हम चांद तक जा पहुंचे हैं, मगर मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के गांव पगारा के लोगों के पैरों में आज भी असुविधाओं की बेड़ियां हैं। इस कड़वी हकीकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां एक प्रसूता को कपड़े में लादकर लकड़कियों के सहारे ले जाना पड़ रहा है। ताजा उदाहरण मंगलवार सुबह सामने आया है।
मामले के अनुसार मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से 80 किलोमीटर दूर पगारा गांव में अजब सिंह की पत्नी उषा बाई को सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। तभी परिजनों ने एम्बुलेंस 108 पर फोन लगाया। इसके बाद ग्राम पगारा से पीथापुरा तक 3 किलोमीटर दूर तक परिजन प्रसूता को लकड़ी की बल्ली के सहारे झोली बांधकर ले गए। उसके बाद प्रसूता के परिजन पीथापुरा ग्राम में करीब 2 घंटे तक एम्बुलेंस 108 का इंतजार करते रहे। इस दौरान प्रसूता दर्द से कराहती रही। 2 घंटे के इंतजार के बाद एम्बुलेंस 108 आई तो उसे स्वास्थ्य केंद्र सिद्धि गंज ले जाया गया, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया।
नहीं हो रही कोई सुनवाई
गांव के राकेश व अन्य लोगों का कहना है कि हमारे ग्राम की सड़क पीथापुर से लेकर पगारा तक खराब है। बरसात के दिनों में रोड पर घुटनों तक कीचड़ रहता है, जिसके कारण ग्रामीण पैदल भी नहीं चल सकते। उन्हें आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीडब्ल्यूडी मंत्री को लिखित में आवेदन दे चुके हैं। फिर भी समस्या जस की तस है। गांव में कोई बीमार हो जाता है या अन्य किसी आपात स्थित में प्रसूता की तरह ही झोली में टांगकर अस्पताल या श्यामपुरा रोड तक पहुंचाया जाता है। उसके बाद ही एम्बुलेंस 108 मिल पाती है।
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