पुलिसकर्मी राकेश पाटीदार ने इंदिरासागर नहर में लगाई छलांग, Whatsapp पर लिखा- 'आत्मा' से परेशान हूं
खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर उस पर विश्वास करना बेहद मुश्किल है। दरअसल, यहां एक पुलिसकर्मी ने सिर्फ इसलिए खुदकुशी कर ली क्योकि उसे 'आत्मा' परेशान करती थी। आत्महत्या जैसा कदम उठाने से पहले पुलिसकर्मी ने अपने भाई को व्हाट्सएप पर एक मैसेज भी किया। जिसमें उसने इंदिरा सागर नहर में कूदकर खुदकुशी करने की बात भी लिखी। हैरान कर देने वाली मौत की गुत्थी को सुलझाना अब पुलिस के लिए मुश्किल पहेली साबित हो रहा है।
भाई को किया था whatsapp पर मैजेस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की है। बता दें कि, आरक्षक राकेश पाटीदार, बड़वानी जिले के सेंधवा ग्रामीण थाने में पदस्थ था और छुट्टी लेकर खरगोन स्थित सुखपुरी में अपने घर आया था। सोमवार सुबह राकेश पाटीदार खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर इंदिरा सागर बांध की मुख्य नर्मदा नहर के पास पहुंचा और छलांग लगा दी थी। नर्मदा नहर में कूदने के पूर्व पुलिसकर्मी ने अपनी बाइक नहर किनारे खड़ी कर अपने भाई के मोबाइल पर व्हाट्सएप से नहर में कूदकर अपनी जान देने का मैसेज भी किया।
लोगों ने दी पुलिस को सूचना
छलांग लगाते देख वहां से गुजर रहे लोगों ने तुरंत इस घटना की जानकारी मेनगांव थाने की पुलिस को दी। इसके बाद परिजनों के साथ-साथ पुलिस के आलाधिकारी और मेनगांव टीआई, गोताखोरों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने सर्चिंग शुरू की, लेकिन नहर में पानी का अधिक बहाव होने से 24 घंटे बाद भी गोताखोरों की टीम, पुलिसकर्मी का कोई सुराग नहीं लगा पाए। गोताखोरों की टीम द्वारा करीब 10 किलोमीटर के एरिये में सर्चिंग की गई तब मंगलवार दोपहर में पुलिसकर्मी की बॉडी मिली।
क्या लिखा था मैसेज में
मैसेम उसने लिखा था, 'मेरी गाड़ी नहर के पास से ले जाना। भैया को बोल देना ले जाएं। नहर के पास से। निमाड़ ढाबा कसरावद के यहां से। मैं कूद रहा हूं। लव यू बाबू तुमको हमेशा मिस करूंगा। मैं बहुत परेशान हूं। बाबू अब मैं जी नहीं सकता। बाय बाय, लव यू। मोबाइल और गाड़ी की चाबी सीट के नीचे हैं। पर्स भी है। राम राम, जय श्री महाकाल। एक आत्मा है जो मुझे परेशान किए जा रही है। मुझे जीने नहीं दे रही है। बाय बाय मिस यू...।'
बीमारी के लिए तीन दिन की ली थी छुट्टी
बता दें कि सेंधवा ग्रामीण थाना प्रभारी विश्वदीपसिंह परिहार ने बताया कि आरक्षक राकेश ने यहां करीब 11 माह से पदस्थ था। 7 मई से तीन दिन का अवकाश लिया था। उसे 11 मई को ड्यूटी पर आना था। 12 मई को नहीं आया तो गैर हाजरी लगाई थी। परिजनों ने बताया था कि तबीयत खराब है। इलाज के लिए छुट्टी चाहिए।
छह माह पहले हुई थी शादी
राकेश की शादी छह माह पहले रूपाली से हुई थी। उसके पिता बिजली कंपनी में पदस्थ है। जबकि बड़ा भाई राहुल है। बताया जाता है कि राकेश की कुछ दिन पहले से तबियत बिगड़ी है। वह 20 दिन से ज्यादा समय से घर पर ही था।
ये भी पढ़ें:- ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर में लगे गुमशुदा के पोस्टर, लिखी यह बात