मध्य प्रदेश : 5 रुपए के अभाव में मरीज ने गुना के सरकारी अस्पताल की दहलीज पर तोड़ा दम
गुना। मध्य प्रदेश के गुना से हर किसी के दिल के झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां अस्पताल की दहलीज पर दम तोड़ दिया। उसके पास अस्पताल में भर्ती होने के लिए पर्ची कटवाने के पांच रुपए नहीं थे। मृतक सुनील धाकड़ अशोक नगर का रहने वाला है। उसे टीबी की बीमारी थी। सुनील के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है।
पत्नी इलाज के लिए गिड़गिड़ाती रही
पत्नी अपने ढाई साल के बच्चे को साथ लेकर गुरुवार को गुना के राजकीय जिला अस्पताल में पति का इलाज करवाने अस्पताल आई थी। सुनील को डॉक्टर को दिखाए जाने से पहले सरकारी नियमानुसार अस्पताल से पर्ची कटवाने थी, मगर पर्ची कटवाने के लिए सुनील व उसकी पत्नी के पास पांच रुपए नहीं थे। ऐसे में बताया जा रहा है कि सुनील के पास इतने पैसे भी नहीं थे। लिहाज़ा पत्नी अस्पताल वालों के सामने गिड़गिड़ाती रही लेकिन स्टाफ ने सुनील को भर्ती नहीं किया।
डॉक्टर बोले-नशे का आदि था मरीज
अकेली महिला एक छोटे बच्चे और मरणासन्न पति को लेकर रात भर अस्पताल के बाहर पड़ी रही। इस उम्मीद में कि शायद सुबह किसी को तरस आ जाए। लेकिन सुबह तक मौत ने इंतज़ार नहीं किया। सुनील ने वहीं अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया। इधर, सिविल सर्जन डॉक्टर एस के श्रीवास्तव का कहना है कि सुनील धाकड़ नशे का आदि था जो अक्सर जिला अस्पताल के बाहर बैठा रहता था। इस मामले में इलाज उपलब्ध नहीं कराने पर सिविल सर्जन चुप्पी साध गए।
कमलनाथ ने सरकार पर उठाया सवाल
गुना के सरकारी अस्पताल की इस घटना पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा-क्या हालत हो गयी प्रदेश की? हमने तो ऐसा प्रदेश नहीं सौंपा था?
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
मीडिया की खबरों की मानें तो गुना अस्पताल प्रबंधन की कथित लापरवाही पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल रिपोर्ट तलब की है। जिला कलेक्टर ने दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं। इस मामले में ग्वालियर संभाग के कमिश्नर एम बी ओझा ने भी दुःख जताते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ड्यूटी के बाद गरीब युवक को ट्यूशन करवाते हैं SHO विनोद दीक्षित, ताकि ये भी बन सके पुलिस अफसर