जब मुर्दे के लिए शिवराज की पुलिस को करनी पड़ी शॉपिंग
भोपाल: देश में आए दिन सरकारी अस्पतालों की बदइंतजामी के किस्से सुनने को मिलते रहते हैं। ऐसा ही एक किस्सा मध्य प्रदेश के अशोकनगर में देखने को मिला। शिवराज सरकार की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का आलम यह है कि पोस्टमार्टम कक्ष में पर्याप्त रोशनी तक नहीं है। एमपी पुलिस को एक पोस्टमार्टम करवाने के लिए खुद से बिजली के तार खरीदकर लाने पड़े। मामला भोपाल से सटे अशोकनगर का है। जहां पर पर्याप्त रोशनी ना होने के कारण डॉक्टरों ने पोस्टमार्ट करने से इंकार कर दिया।
मामला 23 अक्टूबर का है। एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी। महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। इसलिए पुलिस शव का पोस्टमार्टम करने के लिए जिला अस्पताल लाई थी। महिला का शव शाम 5 बजे जिला अस्पताल पहुंचा। जब पोस्टमॉर्टम की बारी आई तो पोस्टमार्टम कक्ष में पर्याप्त लाइट ही नहीं थी। इस कारण से डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया।
परिजनों के लगातार दबाव के चलते पुलिस पोस्टमार्टम कक्ष में बिजली की व्यवस्था करने में जुट गई। काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों दो हेलोजन लाइट और बिजली के लिए बाजार जाकर नए तार खरीदा कर लाए। तब जाकर डॉक्टरों के दल द्वारा महिला का पोस्टमार्टम किया। फिलहाल पोस्टमार्टम करने के शासन के जो निर्देश हैं उनके अनुसार सूर्योदय से लेकर सूर्य अस्त तक ही पोस्टमार्टम किए जा सकते थे। लेकिन विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर या एसडीएम की स्वीकृति से ही सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम करवाए जा सकते हैं।
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