अंधविश्वासः बच्चे के घाव में तंबाकू और तेल डालता रहा पिता, सिर में हो गए ढेर सारे कीड़े
खालवा, खंडवा। मध्यप्रदेश के आदिवासी विकासखंड खालवा में अंधविश्वास का दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां पांच वर्षीय मासूम को घर में कैद कर ओझा का देशी इलाज किया जा रहा था। मासूम के पिता ने बच्चे के सिर के घाव में हुए कीड़ों को खत्म करने के लिए कभी तंबाकू भरा तो कभी तारपीन का तेल डाला। इसदौरान बच्चे को असहनीय पीड़ा हो रही थी।
बच्चे ने खाना-पीना कर दिया था बंद
बच्चे ने बीते मंगलवार से ही खाना बंद कर दिया था। जख्म जब खतरनाक होने लगा तो गांव की आशा कार्यकर्ता और सहयोगियों ने परिवार को बालक का इलाज कराने समझाया, लेकिन परिजन नहीं माने। हालांकि परिजनों को पुलिस की धमकी देकर बच्चे को खालवा अस्पताल पहुंचाया गया।
झांड़-फूंक से होता रहा इलाज
नई दुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक खालवा विकासखंड के कालापाठा गांव में आदिवासी संतराम के बेटे के सिर में घाव हो गया। लापरवाही और इलाज के अभाव के चलते घाव में कीड़े हो गए। पिता संतराम ने इलाज ना करवाकर घर पर ही झांड़-फूंक व ओझा द्वारा बताई गई देशी दवाइयों से इलाज किया। इधर जब गांव के बड़े-बुजुर्गों को पता चला तो कुरीति के कारण उन्होंने कहा कि बच्चे को घर के अंदर रखे।
परिजनों ने बच्चे को कमरे में किया बंद
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कीड़े मर नहीं जाते इसका चेहरा किसी को नहीं देखना चाहिए। बुजुर्गों की दी हुई सलाह मानकर परिजनों ने बच्चे को एक कमरे में बंद कर दिया। लेकिन इस दौरान बच्चे का जख्म नासूर बन गया। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम की चर्चा गांव में हो रही थी। यह मामला आंगनबाड़ी सहायिका उर्मिला सोलंकी को पता चला तो उन्होंने आशा कार्यकर्ता नर्मदा राय और आशा सहयोगी अनिता लोवंशी को दी।
जबरदस्ती बच्चे को ले जाया गया अस्पताल
इसके बाद दोनों लोग संतराम के घर पहुंचे। पड़ोसियों ने इन्हें देखते ही रोक लिया और घर में घुसने से साफ मनाकर दिया। इस पर दोनों ने पुलिस की धमकी दी तो तब सभी लोग शांत हो गए और अंदर जाने दिया। जब नर्मदा और अनिता ने बच्चे को देखा तो स्थिति काफी दयनीय थी। बच्चा अधमरी हालत में था। इसके बाद जब दोनों बच्चे को लेकर अस्पताल ले जाने लगे तो बच्चे की मां मना करने लगी। हालांकि बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसके सिर से सारे कीड़े निकाल दिए।