हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद भी MP सरकार ने 3 पूर्व सीएम को दिए सरकारी बंगले
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली कराए गए बंगले फिर से आवंटित कर दिए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए पूर्व सीएम उमा भारती, बाबूलाल गौर तथा कैलाश चंद्र जोशी को सरकारी बंगलों में रहने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सीएम को बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, शिवराज सिंह दिग्विजय सिंह को आवास नहीं दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को 30 दिन के अंदर सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया गया था। इन चार पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती, कैलाश चंद्र जोशी, बाबूलाल गौर और दिग्विजय सिंह के नाम शामिल थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की तोड़ निकलाते हुए शिवराज सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदेश के 'गणमान्य नागरिक' का दर्जा देते हुए सरकारी बंगले वापस आवंटित किए गए हैं।
दरअसल पार्टी के नेताओं की सलाह पर शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से दोबारा बंगले पाने के लिए आवेदन मंगाए थे, साथ ही बंगले वापस देने के लिए कारण भी बताने को कहा गया था। जिसके बाद तीन लोगों ने की ओर से कारण के बंगला वापस पाने का आवेदन किया गया। इसमें कैलाश जोशी ने यह कहते हुए आवेदन किया कि समाजसेवी होने के नाते उन्हें बंगला मिलना चाहिए। बाबूलाल गौर ने लंबे समय से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री होने का हवाला दिया।
वहीं उमा भारती ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री हैं और उन्हें कई बार भोपाल आना-जाना होता है इसलिए बंगला दिया जाए। लेकिन कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह की ओऱ से शिवराज की बंगला वापस आवंटित करने के लिए कोई आवेदन नहीं मिला। जिसके बाद उन्हें छोड़कर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले वापस कर दिए गए। बंगले वापस करने के बाद नई व्यवस्था के तहत अब तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगलों का किराया भी देना होगा।
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