MP: आसाराम के साधकों पर अष्टधातु की मूर्ती चुराने का आरोप, मंदिर, जमीन और गोशाला पर कब्जा किया
सागर, 18 अगस्त। जेल में बंद आसाराम के साधकों का सागर जिले के गौरखुर्द गांव में काफी आतंक छाया हुआ है। हथियारबंद साधकों ने यहां एक मंदिर, गोशाला और मंदिर की जमीन पर कब्जा जमा लिया है। इसको लेकर काफी समय से विवाद भी चल रहा है। पूर्व में पांच साधकों ने यहां के मंदिर के पुजारी पर जानलेवा हमला कर पैर काट दिया था, जिसमें वे जेल की सजा काट रहे हैं। अब अन्य साधक गुंडागर्दी पर अमादा है और महंत सहित ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को हथियार के बल पर धमका रहे हैं। इस आशय की लिखित शिकायत महंत और मंदिर कमेटी के लोगों ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन से करते हुए राष्ट्रपति, सीएम व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी है।
मप्र के सागर जिले में गौराखुर्द स्थित श्रीदेव जानकी रमण मंदिर के महंत श्रीराम बालकदास मुहत्तमकार मंदिर समिति व अन्य ट्रस्टियों ने बीते रोज जिला प्रशासन को लिखित में शिकायत पत्र सौंपकर आसाराम बापू के साधकों से खुद को जान का खतरा बताया हैं। महंत सहित सभी ने जान की सुरक्षा की मांग करते हुए साधकों पर हथियार के बल पर उन्हें धमकाने और मंदिर, गोशाला व मंदिर की करोड़ों रुपए कीमत की जमीन पर बेजा कब्जा करने के आरोप लगाए हैं। महंत श्रीराम बालक दास ने अपने अनुयायियों और ग्रामीणों के साथ बीते रोज जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के माध्यम से अपनी शिकायत और समस्या राष्ट्रपति, मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व कलेक्टर सहित पुलिस प्रशासन को सौंपी है।
40
एकड़
भूमि
व
मंदिर
पर
जबरन
कब्जा
किए
हैं
आसाराम
के
साधक
गौराखुर्द
के
महंत
श्रीराम
बालकदास
ने
शिकायत
में
बताया
है
कि
पिछले
2007
से
आशाराम
बाबू
के
समर्थकों
मंदिर
की
40
एकड
भूमि
एवं
मंदिर
की
गौशाला
में
बेजा
कब्जा
किए
हैं।
मंदिर
के
सेवादारों
एवं
मेरे
द्वारा
उनसे
आग्रह
करने
पर
खुले
हथियारों
के
साथ
हमला
करने
की
नियत
से
घुमते
रहते
है।
मंदिर
के
पुजारी
प्रेमनारायण
दास
पर
हमला
कर
उनका
पैर
काट
चुके
हैं।
थाना
सानौधा
में
एफआईआर
के
बाद
कोर्ट
ने
लंबी
सुनवाई
करते
हुए
आरोपियों
को
सजा
सुनाते
हुए
जेल
भेजा
है।
महंत
के
अनुसार
अब
आसाराम
के
अन्य
साधक
हथियार
लेकर
आते
हैं
और
मंदिर
के
आसपास
दिखने
पर
भी
धमकाते
हैं।
वे
हमला
करने
की
नियत
से
घूम
रहे
हैं।
इन
पर
अंकुश
नहीं
लगाया
तो
वे
कभी
भी
ट्रस्टियों
पर
हमला
कर
सकते
हैं।
मंदिर
की
अष्टधातु
की
मूर्ती
व
अन्य
सामान
चोरी
के
भी
गंभीर
आरोप
महंत
श्रीराम
बालकदास
के
अनुसार
आसाराम
के
साधक
आपराधिक
प्रवृत्ति
के
हैं,
वे
राजनीतिक
पहुंच
वाले
हैं।
उन्होंने
शिकायत
में
कहा
है
कि
इनके
नाम
अनिल
गुर्जरए
सचिदानन्द
दुबेए
सुरेन्द्र
भाईए
बिहारी
कुर्मीए
गौतम
भाईए
बलराम
भाई
एवं
अन्य
व्यक्तियों
द्वारा
लगातार
मंदिर
की
अष्टधातु
की
मूर्तिए
दो
ट्रेक्टरए
एवं
उपकरणए
मोटरए
पाईपए
आदि
चोरी
करके
ले
गये
एवं
मंदिर
में
अवैध
कब्जा
जमाने
की
नियत
से
मंदिर
में
तोड़फोड
भी
की
गई।
उक्त
अपराधियों
के
विरूद्ध
कई
कानूनी
धाराओं
में
अपराध
पंजीबद्ध
हैए
जिसमें
323,
324,
307
एवं
जिलाबदर
की
कार्यवाही
भी
चल
रही
है।