मंदसौर गैंगरेप मामले में दोनों आरोपियों को फांसी की सजा
मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची से सामूहिक ज्यादती के मामले में कोर्ट ने रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन दोनों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश निशा गुप्ता की अदालत में दोनों आरोपियों को पेश किया गया था। रेप की इस घटना के बाद से देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और लोगों ने जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन किया था साथ ही न्याय की गुहार लगाई थी।
मंदसौर रेप कांड में दोनों आरोपियों को फांसी की सजा से दंडित किया गया इसके साथ ही आजीवन कारावास एवं अन्य सेवाओं से भी दंडित किया गया है। मंदसौर में 7 साल की मासूम बच्ची का स्कूल से अपहरण कर आसिफ और इरफान नाम के युवकों ने बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया था। वहीं, दरंदगी के बाद बच्ची जिंदगी और मौत से कई दिनों तक अस्पताल में लड़ती रही थी। पूरी घटना सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा जमकर फूटा था। नीमच, मंदसौर समेत पूरे मालवा के जिले बंद रहे थे। पुलिस ने वारदात के दो दिनों के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और बच्ची के बयान होने के बाद ही चालान पेश कर दिया था।
फैसले
से
पहले
दरिंदों
को
चेहरों
पर
दिखी
बैचेनी
फैसले
के
एक
दिन
पहले
सोमवार
की
रात
में
दोनों
दरिंदों
के
चेहरों
पर
सजा
की
आशंका
के
चलते
डर
साफ
देखा
गया।
जेल
सूत्रों
की
माने
तो
सोमवार
की
सुबह
से
ही
दोनों
आरोपियों
के
चेहरे
पर
सजा
को
लेकर
बैचेनी
थी।
शाम
को
करीब
साढ़े
छह
बजे
से
सात
बजे
के
बीच
दोनों
आरोपियों
को
खाना
दिया।
लेकिन
सजा
के
डर
से
आरोपियों
ने
कम
खाना
खाया।
उसके
बाद
अपने
बैरक
कभी
बैठते
तो
कभी
ऊपर
देखते।
देर
रात
तक
आरोपी
कभी
बैरक
में
खड़े
हो
इधर-उधर
घूमते
तो
कभी
करवटे
बदलते
रहते।
एक
माह
और
नौ
दिन
में
आया
फैसला
जानकारी
के
अनुसार
पुलिस
द्वारा
इस
मामले
में
12
जुलाई
को
न्यायालय
में
चार्जशीट
पेश
की
थी।
30
जुलाई
से
इस
मामले
में
सुनवाई
शुरू
हुई
जो
8
अगस्त
तक
चली।
अभियोजन
ने
करीब
37
गवाहों
को
पेश
किया
था।
14
अगस्त
को
अंतिम
बहस
हुई
थी।
न्यायाधीश
ने
21
अगस्त
को
फैसले
के
लिए
तारीख
दी
थी।
इस
प्रकरण
में
115
दस्तावेज
साक्ष्य
पेश
किए
गए
हैं।
यह
था
मामला
26
जून
की
शाम
5.30
बजे
हाफिज
कॉलोनी
स्थित
विद्यालय
से
8
वर्षीय
बालिका
का
अपहरण
कर
आसिफ
और
इरफान
लक्ष्मण
दरवाजे
के
पास
जंगल
में
ले
गए
थे।
जहां
बालिका
के
साथ
दुष्कर्म
किया
और
उसका
गला
चाकू
से
रेत
कर
मृत
समझकर
वहां
से
फरार
हो
गए
थे।
27
जून
को
दोपहर
में
बालिका
लड़खड़ाते
हुए
बाहर
आई
थी।
पुलिसकर्मी
उसे
जिला
अस्पताल
लाए।
यहां
से
प्राथमिक
उपचार
के
बाद
डॉक्टरों
ने
बालिका
को
इंदौर
रैफर
कर
दिया
था।
बालिका
का
अभी
इंदौर
में
उपचार
चल
रहा
है।
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