कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित हुआ MP का राजभवन, 10 परिवारों को किया गया क्वारंटाइन
भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 8089 मरीज कोरोना संक्रमित मिले है। जबकि 350 मरीजों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। वहीं, इस सबके बीच राहत वाली बात यह है कि प्रदेश में कंटेनमेंट क्षेत्रों में कमी आ रही है। सोमवार को मध्य प्रदेश का राजभवन भी कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित हो गया है। बता दें कि राजभवन कैंपस से कुल 395 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच की गई जिसमें 10 संक्रमित मामले मिले। बाकी सभी 385 जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई। कोविड-19 से संक्रमित सभी 10 व्यक्तियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जबकि उनके परिजनों को क्वारंटाइन क्षेत्रों में भेज दिया गया है।
राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने बताया कि राजभवन परिसर के 395 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच की गई है। पूर्व में प्राप्त 10 पॉजिटिव प्रकरणों के अलावा शेष सभी 385 जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के निवास क्षेत्र में बिना अनुमति किसी भी व्यक्ति का आवागमन नहीं होगा। राजभवन में प्रवेश द्वार और लाल कोठी में प्रवेश के समय अलग-अलग थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग का विवरण भी रिकार्ड किया जा रहा है। सभी संपर्क स्थानों पर सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता है।
राजभवन आने वाले प्रत्येक आगंतुक से सर्दी-जुखाम और बुखार आदि के लक्षण नहीं होने का घोषणा पत्र भी लिया जा रहा है। बताया गया है कि तीन दिन तक राजभवन परिसर कंटेनमेंट क्षेत्र रहा। मुलाकातियों को जरूरी सावधानियां और प्रोटोकाल जैसे दो गज की दूरी बनाए रखने, मास्क एवं शू-कवर पहनने, सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग आदि सुनिश्चित करने के बाद ही मुलाकात की अनुमति दी जा रही है। राज्यपाल के निजी स्टाफ में कार्यरत कर्मचारियों को उसी क्षेत्र में ठहराने की व्यवस्था की गई है। सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाने के बाद स्वस्थ कर्मचारियों को ही इस क्षेत्र में ठहराया गया है। राज्यपाल के निवास क्षेत्र में ठहरने वाले कर्मचारियों का मास्क, ग्लब्स एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था जरूरी कर दी गई है।