मध्यप्रदेश में अविवाहित महिलाओं को शिवराज सिंह चौहान की सरकार देगी पेंशन
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री महिला कोष स्थापित करने की घोषणा की। इसके साथ ही सीएम ने 50 वर्ष की आयु पार कर चुकीं अविवाहित महिलाओं को पेंशन देने की घोषणा की है। राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये मुख्यमंत्री महिला कोष की स्थापना की जायेगी। कोष का उपयोग महिला सशक्तिकरण गतिविधियों में किया जायेगा।
50 वर्ष से अधिक आयु की विधवाओं को पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 50 वर्ष से अधिक आयु की विधवा अथवा परित्यक्ता महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जायेगी। उन्होंने कहा, 'महिलाओं का सिर्फ एक दिन क्यों हो, हर दिन महिलाओं के सम्मान का क्यों न हो। भारत में तो अनादिकाल से ही महिलाओं को देवी माना गया है। हमारे देश में तो देवताओं तक ने संकट के समय शक्ति की शरण ली है। इस कोष से हर जरूरतमंद महिलाओं को मदद की जाएगी।'
स्थानीय चुनाव में 50% आरक्षण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, 'महिला सशक्तिकरण के लिए ज़रूरी था कि शिक्षा और रोज़गार के साथ शासन का अधिकार उन्हें दिया जाये। इसलिए मैंने स्थानीय चुनाव में 50% आरक्षण की व्यवस्था की। आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए आजीविका मिशन की शुरुआत की। बहनों के उत्थान एवं विकास के लिए कई योजनाएं बनाईं।' मुख्यमंत्री ने अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इसमें लाड़ो सम्मान, लिंगानुपात सुधार पुरस्कार, तेजस्विनी पुरस्कार, सशक्त वाहिनी पुरस्कार और 60 वर्ष से अधिक आयु की उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जो अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अथक कार्य कर रही हैं।
अब तो बच्चे ही नहीं, बूढ़े भी मामा कहने लगे हैं
उन्होंने बेटियों के लिए अपनी सरकार की योजना का खुलासा करते हुए बताया कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार की बेटियों को अप्रैल महीने से मुफ्त सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। शिवराज ने बताया, 'बेटियों को वरदान बनाने के लिए मुख्यमंत्री बनते ही मैंने सबसे पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई एवं उसके बाद लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई और धीरे-धीरे बेटियों ने मुझे मामा कहना शुरू कर दिया। अब तो बच्चे ही नहीं, बूढ़े भी मामा कहने लगे हैं।