खुद को एम्स का डॉक्टर बताकर मनोरोगी शख्स लिखने लगा दवा, कहा- मरीज हो रहे थे परेशान और खाली था चैंबर
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले अस्पताल में अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक मानसिक रोगी ने डॉक्टर के चैंबर में बैठकर कई लोगों का इलाज कर दिया। इसके अलावा उसने एक दर्जन से ज्यादा लोगों के टेस्ट करके पर्चे पर दवा भी लिख दी। हालांकि जब लोगों को इस बात का पता चला तो हड़कंप मच गया।
लाल पेन ने खोला राज
बात फैलने के बाद स्टाफ ने उस मनोरोगी शख्स को चैंबर से बाहर निकाला और अस्पताल ने अलर्ट जारी कर दिया। दरअसल, जब मेडिकल स्टोर में जब एक के बाद एक लाल पेन से लिखे पर्चे आने लगे तो स्टोर पर मौजूद अनूप शुक्ला को शक हुआ। उन्होंने दवाइयां लिखने वाले डॉक्टर का चैंबर नंबर पूछा और खुद जाकर देखा तो पता चला कि डॉक्टर की जगह मनोरोगी शख्स बैठा हुआ था और मरीजों का जांच कर रहा था।
मनोरोगी ने कहा कि मरीज परेशान थे इसलिए करने लगा था इलाज
मानसिक रोगी ने मरीजों को बताया कि वह दिल्ली के एम्स का डॉक्टर हैं, जिसका नाम डॉक्टर वीर बहादुर है। जब मनोरोगी शख्स से पूछा गया कि उसने मरीजों को गलत दवा क्यों लिखी तो उसने कहा कि 100 फीसदी गारंटी लेता हूं। आप चेक करा लीजिए, एकदम सही निकलेगा। इसके अलावा जब उससे पूछा गया कि वह ओपीडी में बैठकर इलाज क्यों कर रहा था तो उसने कहा कि चैंबर खाली देखकर मरीज परेशान हो रहे थे, इसलिए मैंने उनका इलाज करना शुरू कर दिया। इसमें गलता क्या है।
खुद को बताया एम्स का डॉक्टर
मरीजों ने बताया कि वह इलाज के दौरान फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रहा था। इसलिए हमें लगा कि वह ही असली डॉक्टर है। मामला सामने आने के बाद अस्पताल के सामने यह चुनौती थी कि वह उन मरीजों का पता लगाए, जिनका इलाज उसने किया था। मेडिकल स्टोर में तैनात शुक्ला ने जब देखा कि मनोरोगी सबको दवा लिख रहा है तो उसने इस बात की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी, जिसके बाद उसे पकड़कर बाहर निकाला गया।
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