MP: नतीजों के बाद बालाघाट में ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ की पंचायत !, जानिए किसको है खतरा और आगे क्या होगा
पंचायत चुनाव में पार्टी 27 सदस्यों वाले यहाँ के जिला पंचायात में अध्यक्ष की ताजपोशी के कांग्रेस का प्लान तैयार है। इस बार 14 सदस्य जीते है और एक निर्दलीय के समर्थन देने की बात भी कही जा रही है। madhya pradesh
बालाघाट, 19 जुलाई: एमपी में लोकल इलेक्शन के नतीजे आने के बाद कुछ जिला पंचायतों में अपना मुखिया बैठाने राजनीतिक दलों में उठा-पटक शुरू हो गई है। 27 सदस्यों वाले बालाघाट जिला पंचायत में 14 मेंबर कांग्रेस के जीते है, एक निर्दलीय ने भी समर्थन देने की बात कही है। लेकिन उससे पहले कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा भी महसूस हो रहा है। खबर है कि इससे बचने कांग्रेस, अपने सदस्यों के लिए पिकनिक टूर का प्लान कर रही है। ताकि सभी को अपनी नजर में रखा जा सकें।
कांग्रेस का पंचायत प्लान
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ की बालाघाट जिला पंचायत पर पैनी नजर है। पंचायत चुनाव में पार्टी 27 सदस्यों वाले यहाँ के जिला पंचायात में अध्यक्ष की ताजपोशी के कांग्रेस का प्लान तैयार है। इस बार 14 सदस्य जीते है और एक निर्दलीय के समर्थन देने की बात भी कही जा रही है। इस लिहाज से पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस अपने विजयी उम्मीदवार को पंचायत अध्यक्ष को कुर्सी बैठाने वाली है। इस सिलसिले में 15 सदस्य लांजी विधायक हीना कावरे के साथ कमलनाथ से मुलाकात भी कर चुके है।
अध्यक्ष के लिए सम्राट सरसवार प्रबल दावेदार
यहाँ जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी की दौड़ में सम्राट सरसवार प्रबल दावेदार माने जा रहे है। चुनाव में अच्छी जीत दर्ज करने के साथ क्षेत्र में उनका अच्छा ख़ासा रुतबा है। उनके पिता अशोक सिंह सरसवार विधायक भी रहे और जनता के बीच उनकी भी गहरी पैठ रही है। इस लिहाज से कांग्रेस के जीते हुए अन्य सदस्य भी सरसवार के नाम पर एक राय दिखाई पड़ रहे है। हालाँकि केसर बिसेन का नाम भी चल रहा है, लेकिन अंतिम निर्णय कमलनाथ लेंगे।
जानिए किसके कितने सदस्य जीते..
कुल 27 सदस्यों वाले बालाघाट जिला पंचायत में इस बार का चुनाव बेहद रोचक रहा है। बीजेपी से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन इस गढ़ में 6 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर बीजेपी को भी झटका दिया, इस वजह से भाजपा के खाते में सिर्फ 6 सदस्यों की ही जीत दर्ज हो सकी। एक जीत गोंगपा के खाते में गई। वही 14 सदस्यों की जीत के साथ कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने पूरी तरह से तैयार है। ख़ास बात यह है लंबे वक्त बाद सामान्य वर्ग से किसी को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने प्रयास हो रहे है।
गजट नोटिफिकेशन के पहले हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा !
कांग्रेस के अंदरखाने में इस बात की भी चिंता की जा रही है, कि कही उनकी पार्टी और समर्थन देने वाले निर्दलीय सदस्य की बीजेपी खरीद-फरोख्त न करने लगे। इसके लिए स्थानीय कांग्रेसी दिग्गजों के अलावा कमलनाथ भी एक्टिव मोड में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी 15 सदस्यों को पिकनिक टूर के बहाने किसी दूसरे राज्य भेजा जा सकता है। जहाँ वह दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की निगरानी में रहेंगे। करीब दिनों के चुनाव परिणामों के गजट नोटिफिकेशन की कवायद भी पूरी हो जाएगी।
भाजपा के लिए एक ही राह
जिला पंचायत में कुल 27 सदस्य है। अध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस सदस्य को बहुमत न मिल सके, इसके लिए भाजपा को भी अपनी पार्टी के साथ कम से कम 15 सदस्यों का समर्थन चाहिए। मौजूदा परिस्थिति के हिसाब से बीजेपी की झोली में उसके अपने 6 सदस्य है, जबकि 1 गोंगपा और 6 निर्दलीय सदस्य है। यदि इन 7 सदस्यों को बीजेपी अपने पाले में खींच लेती है, तब भी उसे दो सदस्यों के समर्थन की जरुरत और पड़ेगी। इसकी पूर्ति तभी संभव है, जब कांग्रेस के कोई दो मेंबर समर्थन दे।
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