मध्य प्रदेश: आरएसएस के बचाव में आए कमलनाथ, कहा- आरएसएस आतंकी संगठन नहीं
भोपाल। आरएसएस(राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ) को बीते दिनों कांग्रेस के एक विधायक सुंदरलाल तिवारी ने आतंकी संगठन की संज्ञा दी थी। कांग्रेस विधायक द्वारा इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी से खुद कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने आरएसएस का बचाव करते हुए विधायक के बयान से पल्ला झाड़ लिया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का इससे कुछ लेना देना नहीं है। कांग्रेस पार्टी का आरएसएस को इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने का कोई इरादा नहीं था। कमलनाथ ने कहा कि अगर आरएसएस आतंक संगठन होती तो वे उसपर पाबंद लगाने की बात करते ना कि अपने विधायक के बयान से पल्ला झाड़ते।
आरएसएस नहीं है आतंकी संगठन
कमलनाथ ने कहा -ना हमारा मन है और ना मंशा कि आरएसएस पर को रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि संघ आतंकवादी संस्था है वो ऐसा नहीं मानते हैं। अगर संघ ऐसी संस्था होती तो उसपर प्रतिबंध लगाने की बात की जाती। संघ को लेकर पूरी विवाद कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के जारी होने के बाद से ही शुरू हुआ है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरएसएस पर किए गए विवादित टिप्पणियों से किनारा कर लिया है।
आरएसएस आतंकवाद का प्रतीक
कांग्रेसी विधायक सुंदरलाल तिवारी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने आरएसएस पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने संघ को आतंकवाद का का प्रतीक बताया था। सुंदरलाल तिवारी रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा से विधायक हैं। उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि संघ अपने किसी भी कार्यक्रम में भारतीय झंडा नहीं लगाता। इससे यह बात साबित होती है कि इनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं।
घोषणा पत्र के बाद मचा बवाल
आपको बता दें कि संघ को लेकर बवाल चुनावी घोषणाओं के बाद से शुरू हुआ है। कांग्रेस द्वारा जारी चुनावी मैनिफेस्टों में चुनाव जीतने के बाद मध्य प्रदेश में संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया है। जिसके बाद से पूरे प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा हुआ है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखा गया, 'शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे। शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे'। कांग्रेस के इस वादे के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच ब्लेम गेम का दौर शुरू हो चुका है जिसकी कड़ी में विधायक ने भाजपा को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था।