मौत के बाद 14 साल की अंजली दे गई तीन लोगों को नई जिंदगी
इंदौर। वर्ल्ड ऑरगन-डे के एक दिन पहले इंदौर की 14 साल की बच्ची अंजली तलरेजा तीन लोगों की जान बचा गई। दरअसल, अंजली हरदा के पास सड़क हादसे में घायल हो गई थी जिसे इलाज के लिए इंदौर के शेल्बी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसे डॉक्टर्स ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इसके बाद परिजनों की सहमति पर अंजली के अंगदान किए गए।
अंगदान के लिए शेल्बी हॉस्पिटल से चौइथराम अस्पताल और सीएचएल अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। अंजली का लीवर सीएचएल अस्पताल में एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, एक किडनी चौइथराम अस्पताल में मरीज और दूसरी किडनी शेल्बी अस्पताल में ही एक मरीज को प्रत्यारोपित की गई है। ये इंदौर में 34 महिने में बना 34 वां ग्रीन कॉरिडोर था। हालाकि, अंजली के हार्ट को भी प्रत्यारोपित करने की अंजली के परिजानों ने इच्छा जताई थी लेकिन हार्ट पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा था।
इस वजह से हार्ट को प्रत्यारोपित नहीं किया गया है। अंजली इंदौर की दूसरी सबसे कम उम्र की डोनर बन चुकी है। अंजली के अंगदान में उनके परिजनों के अलावा जिला प्रशासन,सोसायटी फॉर आर्गन डोनेशन और मुस्कान ग्रुप ने महती भूमिका निभाई है।
आप को बता दे इंदौर देश का एक मात्र ऐसा शहर है जहां अंगदान के लिए सबसे ज्यादा ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। ये कॉरिडोर केवल शहर के अंदर नहीं बल्कि इंटर स्टेट और इंटर सिटी भी रहे हैं। इंदौर में ये सिलसिला पिछले 34 महिनों से चल रहा है। यहां जिला प्रशासन ने पहले करते हुए अंगदान के लिए कई लोगों को प्रेरित किया है और लोगों की इसी प्रेरणा को देखते हुए इंदौर में जल्द ही सोटा का सेंटर भी खुलना है।
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