महंगाई से टूटी पाक की कमर, हिंदुस्तानी किसानों का इमरान को पैगाम- PoK छोड़ो और टमाटर लो
भोपाल। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के चलते टमाटर के रेट आसमान छूने लगे हैं। भारत से तनाव के कारण वहां की मंडियों में सस्ती-ताजा सब्जियां भी नहीं मिल पा रही हैं। भारत में भी पाकिस्तानी ड्राईफ्रूट्स और प्याज नहीं पहुंच पा रहा है। पाक हकूमत ने भारत के साथ ट्रेड रिलेशन में कटौती की थी, तब से महंगाई और ज्यादा बढ़ गई। ऐसे में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के किसानों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान के नाम एक पैगाम भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वह अपने कारनामों के लिए माफी मांगते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को छोड़ दे तो हिंदुस्तान से उन्हें धड़ल्ले से टमाटर मिलेंगे।
'पीओके हिंदुस्तान को वापस करे पाकिस्तान'
झाबुआ की भाकियू की जिला इकाई के अध्यक्ष महेंद्र हमाद ने इस बारे में ट्वीटर पर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना संदेश भेजा है।इस ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रीट्वीट किया गया है। भाकियू के प्रदेश महामंत्री अनिल यादव का कहना है कि झाबुआ के पेटलावद में बड़ी मात्रा में टमाटर की पैदावार होती है। यहां का टमाटर पाकिस्तान जाता था, मगर आतंकी गतिविधियां बढ़ने पर यहां से टमाटर पाकिस्तान भेजना बंद कर दिया गया था। वह बंदिश अब भी जारी है।
'भारत पर आतंकी हमले कराना भी बंद करे'
यूनियन के पत्र में कहा गया है कि आतंकी गतिविधियों के विरोध में ही भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने पाकिस्तान टमाटर भेजना बंद किया था। पहले पेटलावद में उपजने वाला टमाटर काफी मात्रा में बाघा बोर्डर के जरिए पाकिस्तान भेजा जाता था। पत्र में कहा गया, "यदि पाकिस्तान अपनी करतूतों के लिए माफी मांगे और पीओके से कब्जा हटाने के साथ दाऊद इब्राहिम और अन्य आतंकियों को भारत को सौंपे, तब भारतीय किसान यूनियन पाकिस्तान को टमाटर भेजना शुरू कर देगा।"
पाक में 400 से 500 रुपये किलो बिक रहा टमाटर
मालूम हो कि पाकिस्तान में इन दिनों टमाटर 400 से 500 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। यह बात भारत के कई प्रांतों के किसान भी जानते हैं। यही बात जब झाबुआ जिले के पेटलावद के किसानों को पता चली तो वे बाघा बॉर्डर के जरिए टमाटर पाकिस्तान भेजने की बात करने लगे। हालांकि, उन्होंने इस बार पाक के लिए शर्त रख दी है।
22 नवंबर को लिखा गया इमरान को पत्र
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारतीय किसान यूनियन की झाबुआ इकाई ने 22 नवंबर को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया, "पाकिस्तान ने हमारे देश में निदोर्षों पर हमले किए, आतंकवाद फैलाया, मुंबई में हमला किया और फिर पुलवामा की घटना को अंजाम दिया।"