हीना कावरे को छूकर निकली 'मौत', 11 दिन पहले नक्सलियों से मिली थी धमकी !
Balaghat News, बालाघाट।
मध्यप्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हीना कावरे को बड़े सड़क हादसे में 'मौत' छूकर निकल जाने के बाद वे अपनी सुरक्षा को लेकर सुर्खियों में आ गई हैं। दरअसल, अब ये सामने आया है कि हीना कावरे को सड़क हादसे से 11 दिन पहले नक्सलियों का कथित तौर पर धमकी भरा खत भी मिला था। ऐसे में लोग बालाघाट सड़क हादसा और नक्सली के धमकी भरे खत की घटना को जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि खुद हीना कावरे ने दोनों घटनाओं को महज एक इत्तेफाक बताया है।
आपको बता दें कि बालाघाट में रविवार को हुई सड़क हादसे में हीना कावरे के काफिला के साथ चल रही गाड़ी में सवार तीन पुलिसकर्मियों व चालक की मौत हुई है। हीना कावरे बाल बाल बची थीं। हीना कावरे ने बताया कि उन्हें 3 जनवरी को नक्सलियों की ओर से एक पत्र मिला, जिसमें 20 लाख रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी भरा खत मिलते ही उन्होंने आईजी व एसपी के यहां होने के कारण एएसपी को इसके बारे में जानकारी दे दी थी। दूसरे दिन पता चला कि ऐसा ही एक खत अन्य जनप्रतिनिधि को भी मिला है।
परिवार में हो चुका नक्सली हादसा
अपनी वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट हीना कावरे का कहना है कि बालाघाट सड़क हादसा मेरी आंखों के सामने हुआ था। उसे नक्सली के धमकी भरे पत्र से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह महज एक इत्तेफाक हो सकता है, मगर मेरे परिवार में पहले भी नक्सली हादसा हो चुका है। इसलिए इस पत्र को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
फर्जी भी हो सकता है पत्र
हीना कावरे को मिला पत्र हाथ से लिखा हुआ है। शुरुआती जांच में इसे फर्जी बताया जा रहा है। इस पर हीना कावरे का कहना है कि अगर पत्र फर्जी है तो गंभीर बात है। मध्यप्रदेश के जनप्रतिनिधयों को किसी असामाजित तत्व द्वारा ऐसा पत्र भेजना खतरे की बात है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मामले की जांच की जा रही है
एसपी जयदेवन ए का कहना है कि विधानसभा उपाध्यक्ष व लांजी विधायक को नक्सलियों की ओर से धमकी भरा पत्र मिलने के 11 दिन बाद ही सड़क हादसे में बाल-बाल बचने की घटना हुई है। मामले की जांच की जा रही है।