नोट बदलवाने के लिए बंदूक लेकर बैंक पहुंचा चंबल का कुख्यात 'डकैत' रहा मलखान सिंह
मलखान सिंह एक समय चंबल के बीहणों का कुख्यात नाम था। 70 और 80 के दशक में उसका काफी आतंक था।
ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने की घोषणा के बाद पूरा देश बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन में है। इस फैसले का असर ऐसा है कि चंबल के पूर्व डकैत मलखान सिंह को भी पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंक की लाइन में खड़ा होना पड़ा।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, मलखान सिंह को ग्वालियर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच के बाहर खड़े देखा गया था। उसे वहां देखकर काफी लोग हैरान भी थे। कंधे पर बंदूक और गले पर मोबाइल टांगे मलखान की तस्वीर भी सामने आई है।
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चंबल
का
कुख्यात
नाम
था
मलखान
मलखान
सिंह
एक
समय
चंबल
के
बीहणों
का
कुख्यात
नाम
था।
70
और
80
के
दशक
में
उसका
काफी
आतंक
था।
मलखान
और
उसकी
गैंग
के
आदमियों
पर
करीब
94
पुलिस
केस
हैं।
इनमें
डकैती
के
18,
किडनैपिंग
के
28,
हत्या
के
प्रयास
के
19
और
हत्या
के
17
मामले
दर्ज
हैं।
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सरपंच
पर
किया
था
जानलेवा
हमला
1976
में
मलखान
सिंह
और
बिलाव
गांव
के
सरपंच
कैलाश
नारायण
के
बीच
खूनी
संघर्ष
हुआ
था।
मलखान
ने
सरपंच
को
मशीन
गन
से
मारने
की
कोशिश
की
थी।
हालांकि
छह
गोलियां
लगने
के
बाद
भी
सरपंच
की
जान
बच
गई
लेकिन
मलखान
वहां
से
जालौन
भागने
के
मजबूर
हो
गया।
हमले
में
सरपंच
के
दो
आदमियों
को
गोली
लगी
थी,
जिनमें
से
एक
की
मौत
हो
गई
थी।
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मुख्यमंत्री
के
सामने
किया
था
सरेंडर
बाद
में
1983
में
मलखान
सिंह
ने
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
अर्जुन
सिंह
के
सामने
अपने
साथियों
के
साथ
सरेंडर
किया
था।
सरेंडर
के
वक्त
वहां
30000
से
ज्यादा
लोग
मौजूद
थे।