MP उपचुनाव: राजनीतिक आयोजनों पर हाईकोर्ट सख्त, भीड़ इकट्ठा होने पर तुरंत होगी FIR
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कोरोना काल में राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार करना बड़ी चुनौती है। इस बीच शनिवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट कोरोना महामारी के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाली पार्टियों पर सख्त नजर आया। साथ ही जिला प्रशासन को भी कई अहम निर्देश दिए।
सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पांच कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी कीमत पर कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। अगर किसी भी आयोजन में 100 लोगों से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा होती है, तो फोटो के आधार पर तुरंत राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई जाए। वहीं राजनीतिक आयोजनों पर रोक नहीं लगा पाने पर जिला प्रशासन को भी कोर्ट ने फटकार लगाई। कोर्ट के मुताबिक राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने में असफल साबित हुआ है।
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3
नवंबर
को
है
वोटिंग
मध्य
प्रदेश
की
28
सीटों
पर
उपचुनाव
के
लिए
चुनाव
आयोग
ने
तारीखों
का
ऐलान
कर
दिया
है।
सभी
28
सीटों
पर
3
नवम्बर
को
वोट
डाले
जाएंगे।
वोटों
की
गिनती
10
नवम्बर
को
की
जाएगी।
चुनाव
आयोग
के
आदेश
के
मुताबिक
12
जिलों
में
पूरी
तरह
से
आचार
संहिता
प्रभावी
है।
हालांकि
आचार
संहिता
के
दायरे
में
19
जिले
आ
रहे
हैं
लेकिन
बाकी
के
सात
जिलों
में
आंशिक
रूप
से
ही
यह
लागू
हुई
है,
ताकी
कोरोना
से
संबंधित
काम
प्रभावित
ना
हों।
चुनाव
में
कोरोना
को
लेकर
बनाए
गए
नियमों
का
पालन
करना
अनिवार्य
होगा।
चुनाव
आयोग
ने
कहा
है
कि
अगर
कोई
प्रत्याशी
कोरोना
पॉजिटिव
होता
है
तो
उसे
प्रचार
करने
की
अनुमति
नहीं
होगी।