अंधविश्वास के चक्कर में बाप-बेटे की मौत, मां-बेटी की जान पर भी बन आई, देखें वीडियो
Ratlam News in Hindi, रतलाम। जमाना हाईटेक हो गया, मगर अंधविश्वास अब भी लोगों के जेहन में जगह बनाए हुए है। मध्य प्रदेश के रतलाम में तबीयत बिगड़ने के बाद एक परिवार स्वास्थ सुधार के लिए हॉस्पिटल जाने के बजाए तेज गर्मी में राजस्थान में एक देव स्थान पर पहुंच गया, जहां झाड़ फूंक के बाद परिवार ने खाना खाया और फिर पूरे परिवार की तबीयत ऐसी बिगड़ी कि पिता व पुत्र की मौत हो गई। मां-बेटी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं।
जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय भाणजी निनामा निवासी ग्राम चावड़ाखेड़ी की तबीयत खराब होने से परिवार के 8 से 10 लोग उसे लेकर इलाज के लिए शनिवार को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियाबाद के पास एक देवस्थान पर गए थे। जहां इलाज के लिए झाड़फूंक करवाने के बाद उन्होंने खाना खाया और दोपहर में सभी लोग वापस घर के लिए रवाना हो गए।
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रास्ते में परिवार के सदस्यों को घबराहट व उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। रात में सभी लोग घर लौट आए थे। रात करीब 10 बजे भाणजी की मौत हो गई। इससे परिजन सकते में आ गए। उधर, भाणजी की पत्नी नाथीबाई, पुत्र रकमालाल और पुत्री सुंदरबाई खराड़ी निवासी ग्राम महापुरा की भी रात में ज्यादा तबीयत खराब हो गई।
तीनों को सरवन अस्पताल और वहां से सैलाना के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। तबीयत में सुधार नहीं होने पर तीनों को जिला अस्पताल रैफर किया गया। रविवार सुबह तीनों को जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती कराया गया। रकमालाल अचैत था और कुछ बोल नहीं पा रहा था। दोपहर में उसे सीसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया, जहां देर शाम उसने भी दम तोड़ दिया।
मृतक के परिजन पीरू ने बताया कि रोटी घर से ही बनाकर ले गए थे। साथ में प्याज भी थी। रास्ते में परिजन ने एक स्थान से सेंव खरीदी थी। सेंव और प्याज के साथ ही खाना खाया था। उधर भाणजी के परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि बुजुर्ग भाणजी की तबीयत खराब होने से वे एक देव स्थान पर गए थे, वहीं खाना खाया था। खाना खाने के करीब एक घंटे बाद घबराहट के साथ उल्टी-दस्त होने शुरू हो गए थे।