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BHU में हो रहा फिरोज खान का विरोध और मध्य प्रदेश में 35 साल से रामकथा सुना रहे फारुख खान

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राजगढ़। उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध करने वालोंं को इस शख्स के बारे में भी जरूर जानना चाहिए जो मुस्लिम होते हुए भी बीते 35 साल लोगों को रामकथा सुना रहे हैं। पांच वक्त के नमाजी मध्य प्रदेश के फारुख रामायणी के रोम रोम में भगवान श्रीराम बसते हैं।

फारुख को सुनने हजारों लोग उमड़ते

फारुख को सुनने हजारों लोग उमड़ते

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले स्थित नरसिंहगढ़ तहसली के गांव गुनियारी के रहने वाले फारुण खान रामायणी देश के कई हिस्सों में वह घूम-घूमकर गीता और रामायण का संगीतमय पाठ करते हैं। देश में फिरोज खान को लेकर छिड़ी बहस पर फारुख कहते हैं कि वो रामकथा पैसों के लिए नहीं बल्कि लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए सुनाते हैं। फारुख को रामकथा और गीता का धाराप्रवाह प्रवचन करते देख लोग अचंभित हो जाते हैं। उन्हें सुनने के लिए हजारों लोग जमा होते हैं।

 फारुख खान का भी हुआ था विरोध

फारुख खान का भी हुआ था विरोध

फारुख रामायणी हिंदुस्तान में सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। लेकिन शुरुआत में इन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा था। लोग सवाल करते थे कि एक मुस्लिम रामायण पाठ कर रहे हैं। लेकिन फारुख अपने कौम से ऊपर कर्म को मानते हुए रामायण का पाठ जारी रखा। यही वजह है कि फारुख रामायणी के तीस से अधिक पंडित शिष्य भी हैं।

 कई घंटे तक सुनते थे रामकथा

कई घंटे तक सुनते थे रामकथा

फारुख खान बताते हैं कि छह साल की उम्र में ही हिंदू ग्रंथों के प्रति उनका झुकाव बढ़ा था। इस वजह से गुनियारी गांव में आयोजित होने वाली राम कथाओं में फारुण घंटों बैठे रहते थे। उसके बाद से उनकी रुचि लगातार बढ़ती गई। धार्मिक आयोजनों में वह लगातार शामिल होते रहे। साथ ही घर पर भी धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने लगे।

 1984 में पहली बार राम कथा का मौका

1984 में पहली बार राम कथा का मौका

फारुख रामायणी को 24 साल की उम्र में पहली बार 1984 में सार्वजनिक मंच पर राम कथा करने का मौका मिला। इसके बाद से उनकी चर्चा शुरू हो गई। फारुख को पहली बार मंच से सुन लोग खूब उनकी तारीफ करने लगे। उसी वक्त से यह सिलसिला चल पड़ा। फारुख फिर विभिन्न इलाकों में जाकर मंच से कथा वाचन करने लगे। रामायणी नाम फारुख को उनके गुरु पंडित लक्ष्मीनारायण शर्मा ने दिया था।

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English summary
Farooq Khan narrating Ram Katha for 35 years in MP
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