मोहल्ले के लोग इसलिए करते थे पार्षद के घर के सामने हंगामा, दुखी होकर पार्षद पति ने किया आत्मदाह का प्रयास
Khandwa News, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में पीने के पानी की किल्लत के चलते एक पार्षद पति नगर निगम परिसर में केरोसिन की केन लेकर आत्मदाह करने पहुंचा। यह पार्षद पति इसलिए परेशान था कि वार्ड के लोग पिछले 15 दिन से पानी नहीं मिलने की समस्या को लेकर सुबह-शाम हर रोज उसके घर के सामने आकर हंगामा मचाते हैं।
पत्नी के कनपटी पर गोली मारकर पति ने भी दी जान, इस हाल में पड़े मिले दोनों बिस्तर पर
परेशान होकर धरना भी दिया
इन सब बातों से परेशान पार्षद पति शकील खान मोहल्लेवाले लोगों को लेकर ही नगर निगम पहुंचा और आत्मदाह की धमकी दी। वह अपने साथ केन में केरोसिन भी ले गया था। जब साथ गए लोगों ने उसके हाथ से केरोसिन की केन छुड़ाने की कोशिश की तो वह भड़क गया। काफी मशक्कत के बाद लोगों ने केरोसिन अपने कब्जे में किया तो यह पार्षद पति अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठ गया।
उसने कहा था कि जब तक नगर निगम आयुक्त कोई स्थाई समाधान नहीं निकालते तब तक वह धरने पर ही बैठे रहेगा। आखिर देर शाम नगर निगम आयुक्त आए उसे और उसके वार्ड के लोगों को समझाया तब जाकर वह माना। बता दें कि खंडवा में पीपीपी मोड के तहत पानी वितरण का काम एक निजी कंपनी के हाथों में है। लगभग सवा सौ करोड़ की नर्मदा जल योजना 2009 में प्रारंभ हुई थी और इसे 2011 से पानी वितरण कर देना चाहिए था, लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी समस्या बरकरार हैं।
15 दिनों से पानी नहीं आया
बार बार पानी की पाइप लाइन टूट जाने के कारण हर दिन खंडवा शहर के लोगों को पीने के पानी की परेशानी आ रही है। खंडवा के सरोजिनी वार्ड में पिछले 15 दिनों से पानी नहीं आया तो स्थानीय लोग पार्षद को परेशान करने लगे। पार्षद भी क्या करती पार्षद के पति भी परेशान हो गया तो यह वार्ड के सभी महिला पुरुषों को लेकर नगर निगम में धरने देने पहुंच गया। पार्षद और उसके पति का कहना था कि वह नगर निगम के अधिकारियों के भरोसे कब तक अपने वार्ड के लोगों को बेवकूफ बनाएगे। पानी नहीं मिल पाने के कारण वह उग्र हो गया और आत्मदाह की धमकी दी।
योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप
इतना ही नहीं उसके साथ अन्य वार्ड के लोग और पार्षद भी उसके समर्थन में खड़े हो गए क्योंकि पानी की समस्या अकेले एक ही वार्ड में नहीं है पूरा शहर पानी से पीने के पानी को लेकर परेशान है। नगर निगम परिषद में विपक्ष के नेता अहमद पटेल का कहना है कि इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और कास्ट आयरन पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप डाल दिए । यही कारण है कि बार बार यह पाइप लाइन फूट रही है । उन्होंने आचार संहिता खत्म होने के बाद पूरी नर्मदा जल योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने की बात कही।
निगम आयुक्त का तर्क
इधर, निगम आयुक्त हिमांशु सिंह का कहना हैं की जल संकट जैसी कोई समस्या नहीं हैं। उनका कहना हैं कि पाइप लाइन फूटने से पानी की समस्या बानी हैं। जिस जगह लाइन क्रेक हुई थी वो नदी का एरिया हैं जिस से उसे रिपेयर करने में समय लगा हैं जल्द ही पानी बारी बारी सभी वार्डो में भेजा जाएगा। लेकिन प्लास्टिक के पाइप होने से लाइन बारबार क्रेक हो रही हैं। जिसे हमने अभी कंक्रीट कर सुरक्षित कर दिया हैं। खंडवा नगर निगम में पिछले 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी बहुमत वाली परिषद है। मध्य प्रदेश में खंडवा ऐसा शहर है जहां पर पीने के पानी का निजीकरण हुआ है। कहने को यह पीपीपी मोड में है लेकिन इसे हैदराबाद की एक कंपनी संचालित करती है ।खंडवा को उम्मीद थी कि नर्मदा जल आने से लोग सुखी हो जाएंगे लेकिन निजी करण होने के बावजूद भी यह कंपनी लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही है।
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