सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह ने अपने आवास को बनाया 'अस्पताल', 100 बच्चों का हो रहा इलाज, जानिए क्यों?
भोपाल। कई अफसर अक्सर अपने अनूठे फैसलों और साहसिक कदमों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। इसी कड़ी में अब मध्य प्रदेश के सीधी जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह का नाम भी जुड़ गया है। सीधी कलेक्टर ने वो कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी और ना ही पूर्व के किसी कलेक्टर ने यहां ऐसा कदम उठाया।
दरअसल, सीधी जिला कलेक्टर ने सौ बच्चों को इलाज करवाने के लिए अपने सरकारी आवास को ही 'अस्पताल' बना डाला। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि जिले के सरकारी अस्पताल में जगह कम पड़ रही थी। जब इस बात का पता जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह को चला तो उन्होंने बच्चों को अपने आवास पर ही ठहरकर इलाज करवाने की सुविधा मुहैया करवा दी।
हुआ यूं कि इन दिनों मध्य प्रदेश सरकार एनिमिक बच्चों के लिए 'दस्तक' नाम से एक अभियान चला रही है। अभियान के तहत एनिमिक बच्चों की पहचान की पहचान करके उन्हें ब्लड टेस्ट के लिए जिला अस्पतालों में लाया जा रहा है और अगर समस्या गंभीर पाई जाती है तो ब्लड ट्रांस्फ्यूजन भी किया जा रहा है।
बुधवार को सीधी जिले से लगभग 530 बच्चों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिला मुख्यालय के अस्पताल में लाया गया, मगर जिला अस्पताल में 200 से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया गया। कुछ को निजी अस्पताल और मानस भवन में भर्ती करवाया गया। फिर भी करीब सौ बच्चे ऐसे थे, जिन्हें भी भर्ती किए जाने की आवश्यकता महसूस हो रही थी, लेकिन जगह की कमी खल रही थी। ऐसे में सीधी जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने शेष सौ बच्चों को भर्ती करने के लिए सुविधा अपने सरकारी आवास में ही उपलब्ध करवा दी।
सीधी जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने बताया कि 'पिछले एक हफ्ते से अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 600 से ज्यादा एनिमिक बच्चों का ब्लड ट्रांस्फ्यूजन हो चुका है। औसतन 100 से 125 बच्चे हर रोज आ रहे हैं। अस्पताल में जगह की कमी के कारण करीब सौ बच्चों को चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ की देखरेख में मेरे आवास पर उपचार दिया जा रहा है। बुधवार को उनके ब्लड की जांच हुई। बचा हुआ ट्रीटमेंट गुरुवार को मुहैया कराया गया है। बच्चे मेरे आवास में अपनी मां और रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं।