बिजली का बिल 80 हजार आया तो किसान ने दी जान, PM मोदी के नाम सुसाइड नोट लिख जताई यह अंतिम इच्छा
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक किसान ने आत्महत्या कर ली। किसान ने पीएम के नाम पांच पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें इच्छा व्यक्त की गई है कि उसके शरीर को सरकार को सौंप दिया जाए ताकि उनके शरीर के अंगों को लगभग 88,000 रुपये के भारी-भरकम बिजली बिल का एहसास हो सके।

आटा चक्की और उनकी मोटरसाइकिल जब्त
किसान ने बुधवार को पेड़ पर फांसी लगाकर जान दी है। वह एक छोटी सी आटा चक्की का भी मालिक था। उसके तीन बेटी व एक बेटा है। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने उनकी आटा चक्की और उनकी मोटरसाइकिल जब्त कर ली थी, जिससे वे परेशान चल रहे थे। मृतक के भाई जो खुद बिजली वितरण कंपनी में कार्यरत हैं ने आरोप लगाया कि वितरण कंपनी द्वारा उत्पीड़न किए जाने के कारण उसके भाई खुद की जिंदगी खत्म कर ली। आटा चक्की व मोटरसाइकिल सीज किए जाने के बाद से परेशान थे।

अचानक 88 हजार का बिल जारी गया
ग्राम मातगुवां निवासी 35 वर्षीय कृषक मुनेन्द्र राजपूत के भाई लोकेंद्र राजपूत ने यह भी आरोप लगाया कि इस साल फसल अच्छी नहीं होने के कारण उनका बिजली का भारी भरकम बिल चुकाने की स्थिति में नहीं था। हर माह औसत तीन से चार हजार रुपए का बिजली बिल आता था, मगर इस बार अचानक 88 हजार का बिल जारी गया है। वो भी जमा करवाने के लिए समय तक नहीं दिया गया।

बिल चुकाने के लिए समय मांग रहा था
इसके बावजूद छतरपुर बिजली कंपनी के अधिकारियों ने उनके भाई को कानूनी नोटिस भेज दिया। उनकी आटा मिल और मोटरसाइकिल सीज कर दी। वह बिल चुकाने के लिए समय मांग रहा था, मगर उसे वक्त नहीं दिया गया। अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी। मृतक के भाई ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सुसाइड नोट में लिखा है कि...
सुसाइड नोट में लिखा है कि 'जब बड़े राजनेताओं और व्यापारियों द्वारा घोटाले किए जाते हैं तो सरकारी कर्मचारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। यदि वे ऋण लेते हैं तो उन्हें इसे चुकाने के लिए पर्याप्त समय देते हैं या ऋण माफ कर देते हैं। लेकिन, अगर कोई गरीब व्यक्ति कम राशि का ऋण लेता है, तो सरकार उससे कभी नहीं पूछेगी कि वह ऋण क्यों नहीं चुका पा रहा है। इसके बजाय उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता है।'

एसपी सचिन शर्मा ने जांच के आदेश दिए
इस मामले में छतरपुर के माटगुवा पुलिस थाना प्रभारी कमलजीत सिंह ने कहा कि हमें एक नोट मिला है। मृतक के पिता और भाइयों ने उसे समझाने की कोशिश की कि वह बिजली बिल के बारे में ज्यादा टेंशन ना ले। हालांकि, जब उसकी पत्नी अपने माता-पिता के घर से लौटी, तो उसके और पीड़ित के बीच बिजली बिल को लेकर बहस हुई। बाद में उसने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया। हालांकि, इस मामले की जांच चल रही है। प्रकरण में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने बिजली कम्पनियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और मामले की जांच की मांग की। मामले में छतरपुर एसपी सचिन शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं।

दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
वहीं, छतरपुर जिला कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने कहा कि मृतक के पिता को पेंशन मिलती है और उन्हें पीएम किसान कल्याण योजना का भी लाभ मिलता है। उसका भाई बिजली वितरण कंपनी में काम करता है। प्रशासन ने तुरंत मृतक के परिवार को 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि जारी दी। घटना के संबंध में जांच करवाई जा रही है। आत्महत्या के लिए दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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