बगावत पर भाजपा नरम: सागर में 43 बागी, सिर्फ अल्टीमेटम से इतिश्री, क्योंकि जीते तो घर वापसी
सागर, 24 जून। मप्र के सागर में निकाय चुनाव में बगावत करने वालों के प्रति भाजपा नरम रुख दिखा रही है, हालांकि जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेशाध्यक्ष तक कार्रवाई करने की चेतावनी और अनुशासन का डंडा दिखा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सूत्र बताते हैं पार्टी के अंदर के लोग भी कुछ बगावतियों और निर्दलीय चुनाव लडने वालों के टिकट कटने से उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं। यदि ये जीते तो भाजपा में वापसी भी करेंगे, इसलिए नरम रुख अपनाया जा रहा है।

निकाय चुनाव के दौरान लंबी मशक्कत के बाद जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी के नाम पर कुछ पुराने भाजपाई और पार्षदी के पुराने खिलाडियों के पार्टी ने टिकट काट दिए। कुछ नए दावेदारों को आश्वासन के बाद टिकट नहीं दिए, जिस कारण बगावतियों की फौज खडी हो गई। करीब 90 बागी मैदान में कूद पडे थे, लेकिन कुछ मानमनौव्वल के बाद घर बैठक गए, लेकिन 43 अब भी मैदान में डटे हैं। भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों के लिए ये वोट कटवा प्रत्याशी या फिर हार का कारण बन सकते हैं। बावजूद इसके पार्टी केवल अल्टीमेटम के नाम पर बयान जारी कर बगावतियों के प्रति नरमी दिखा रही है। इसके पीछे एक बडा कारण हैं, बीते परिषद में 9 निर्दलीय जीतकर परिषद में आए थे, इन्होंने बाद में वापस भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
48 वार्ड में 9 निर्दलीय वापस भाजपा में आए थे
नगर निगम में पिछली परिषद में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडे और जीतने के बाद वापस भाजपा में आने वाले पार्षदों की संख्या नौ है। यह बढ फिगर है। इस कारण भी पार्टी इस दफा टिकट कटने से नाराज भाजपाई यदि चुनाव जीतकर आते हैं तो उन्हें पार्टी ज्वाइन करा ली जाएगी। इस कारण इनके खिलाफ कोई खास कार्रवाई अब तक नहीं की गई। शुरूआत में भाजपा से 90 ऐसे लोग थे, जिन्होंने टिकट कटने से निर्दलीय फॉर्म भर दिया था। बाद में भाजपा संगठन ने इनमें से कुछ को मना लिया, बावजूद इसके 43 अब भी मैदान में हैं।