देश की सबसे बड़ी पार्टी की यहां हो गई दुर्गति, भाजपा नपा में विपक्ष का नेता तक नहीं बना पाई
नगरीय निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद दमोह नगरपालिका में भाजपा की स्थिति दयनीय है। देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा बीते 5 माह से नगर पालिका परिषद दमोह में विपक्ष विहीन है। पिछले चुनाव में जमकर हुई गुटबाजी के चलते दमोह में बीजेपी का ग्राफ गिरता जा रहा है। निरंतर मिलती हार के बाद भी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रत्येक गुट का नेता अपनी पसंद का विपक्षी नेता बनाना चाहता है।
कांग्रेस
की
मंजू
सिंह
बनी
थी
अध्यक्ष
नपा
अध्यक्ष
पद
के
भाजपा
ने
विक्रांत
गुप्ता
को
चुनाव
के
ठीक
एक
दिन
पूर्व
12
बजे
रात
में
मेनडेट
जारी
किया
था।
जिसमें
कांग्रेस
की
मंजू
वीरेन्द्र
सिंह
को
एकतरफा
जीत
हासिल
हुई
थी।
चुनाव
परिणाम
आने
के
बाद
से
आज
तक
भाजपा
अपना
विपक्ष
का
नेता
भी
तय
नहीं
कर
पाई
है,
जो
पार्षदों
के
प्रतिनिधित्व
कर
सके।
जिससे
दमोह
में
भाजपा
के
पार्षद
कांग्रेस
के
सामने
संघर्ष
करते
नजर
आ
रहे
हैं।
पार्षद
खुलकर
तो
पार्टी
के
खिलाफ
नहीं
बोलते,
लेकिन
दबी
जुबान
से
उनका
कहना
है
कि
भाजपा
पार्षदों
की
कोई
सुनने
वाला
नहीं
है।
गुटबाजी
से
मिट्टी
पलीत
हो
रही
है।
पार्टी
के
सामने
खुलकर
बोल
भी
नहीं
पा
रहे
भाजपा
के
पार्षदों
ने
दबी
जुबान
में
अपनी
समस्या
सुनाते
हुए
कहा
कि
कोई
सुनने
वाला
नहीं
है।
इतनी
बड़ी
पार्टी
की
दमोह
में
गुटबाजी
से
बुरी
तरह
मिट्टीपलीत
हो
गई
है।
बीजेपी
पार्षदों
एक
भी
बैठक
में
ना
ही
आमंत्रित
किया
गया
ना
ही
कोई
सुझाव
लिया।
और
न
ही
कोई
सहयोग
किया
गया।
उमा भारती ने परिजनों का किया परित्याग, खुद रिश्ते-बंधनों से हुईं मुक्त, अब कहलाएंगी 'दीदी मां’
विपक्षी
दल
के
पार्षद
अपना
नेता
चुन
सकते
हैं
दमोह
में
नेता
प्रतिपक्ष
की
परम्परा
पूर्व
से
चलती
आई
है।
विपक्ष
दल
के
पार्षद
अपना
नेता
बिल्कुल
तय
कर
सकते
हैं।
लेकिन
नपा
में
ऐसा
कोई
नियम
नहीं
है।
-
भैयालाल
सिंह,
सीएमओ
नगरपालिका
दमोह