पुलिस की मुस्तैदी से दलितों का भारत बंद रहा बेअसर, हिंसा वाले इलाकों में रखी जा रही है ड्रोन से नजर
ग्वालियर। दलित संगठनों द्वारा 9 अगस्त को बुलाए गए भारत बंद का आज कोई खास असर देखने को नहीं मिला सुबह-सुबह जरूर दुकानें और यात्री वाहन बंद रहे लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया बाजारों में दुकानें खुलना शुरू हो गईं। शहर में पुलिस ने सुरक्षा के चाक-चैबंद इंतजाम किए हैं और शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बहाल रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की भी बात कही है।
2
अप्रैल
को
हुई
थी
हिंसा
2
अप्रौल
को
हुई
हिंसा
के
बाद
दलित
नेताओं
और
बंद
में
शामिल
रहे
लेागों
के
खिलाफ
दर्ज
किए
गए
मामलों
को
वापस
लेने,
एससी-एसटी
एक्ट
को
पुराने
मूल
स्वरूप
में
लाने
और
प्रदेश
सरकार
द्वारा
दलितों
के
खिलाफ
किए
जा
रहे
अत्याचार
के
विरोध
में
दलित
संगठनों
ने
बंद
का
आव्हान
किया
था।
हालांकि
कोई
विशेष
संगठन
सामने
तो
नहीं
आया
लेकिन
सोशल
मीडिया
पर
बंद
को
लेकर
पिछले
कई
दिनों
से
सुर्खियां
बनी
हुई
थीं।
ऐसे
में
पुलिस
ने
सुरक्षा
के
चाक
चौबंद
इंतजाम
करते
हुए
बंद
से
पहले
ही
ग्वालियर
चंबल
इलाके
के
उन
क्षेत्रों
में
जहां
पिछली
बार
हिंसा
में
लोगों
की
जान
गई
थी,
धारा
144
लगा
दी।
इसके
साथ
ही
बड़ी
संख्या
में
पुलिस
बल
बीती
रात
से
ही
तैनात
कर
दिया
था।
एसपी
ने
कहा
कोई
बंद
नहीं
धारा
144
लागूः-
ग्वालियर
बंद
को
लेकर
जब
पुलिस
कप्तान
नवनीत
भसीन
से
चर्चा
की
गई
तो
उनका
कहना
है
कि
बंद
का
कोई
असर
देखने
को
नहीं
मिल
रहा
है।
पुलिस
के
सुरक्षा
इंतजाम
बेहद
कड़े
हैं।
उन्होंने
लोगों
से
अफवाहों
पर
ध्यान
न
देने
की
बात
भी
की।
शहर
में
अलर्ट
कई
बस्तियों
में
कड़ा
पहरा
पुलिस
ने
पिछले
अनुभवों
के
आधार
पर
उन
सभी
इलाकों
में
सुरक्षा
के
चाक
चैबंद
इंतजाम
किए
हैं
जहां
पिछली
बार
स्थिति
खराब
हो
गई
थी।
संवेदनशील
इलाकों
में
1800
से
अधिक
जवान
तैनात
किए
गए
हैं।
साथ
ही
ड्रोन
कैमरों
से
निगरानी
की
जा
रही
है।
हालांकि
बंद
की
अफवाह
के
चलते
सुबह-सुबह
यात्री
वाहन
बंद
रहने
से
बस
स्टैंड
और
रेलवे
स्टेशन
पहुंचने
वाले
यात्रियों
को
खासा
परेशानी
हुई।
लेकिन
दिन
चढ़ने
के
साथ
ही
सड़कों
पर
वाहन
दौड़ने
लगे।