पति की मौत के बाद पत्नी ने करवाई अनूठी शादी, पूरे गांव को दिया शानदार भोज, घर-घर जाकर बांटे पीले चावल
बैतूल। मध्य प्रदेश के मुलताई इलाके के गांव आमा बघोली में एक अनूठी शादी देखने को मिली है। यहां एक वृद्धा ने अपने मृत पति की आत्मा की शांति के लिए न केवल गाय के बछड़े और बछिया की शादी करवा डाली बल्कि शादी की पूरी रस्में निभाते हुए गांव में भोज भी दे डाला। इस अनूठी शादी की पूरे इलाके में खूब चर्चा है।
मामले के अनुसार डिवटिया पंचायत के गांव आमा बघोली में राजपूत परिवार के सदस्य अर्जुन राठौड़ की वर्षों पहले पेड़ से गिरकर मृत्यु हो गयी थी। तब से अब तक उनकी विधवा उमा बाई राठौड़ अकेले जीवन गुजारती रही थी। किसी पुजारी ने उन्हें बताया कि अगर वे गरुड़ पुराण की पूजा के बाद बछिया-बछड़े की शादी करवा दें तो मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। इसी को सच मानकर 70 वर्षीय उमा बाई ने अपने घर पर अपने बच्चों की तरह बछड़े बछिया की शादी की पूरी रस्में निभाई।
इस शादी के लिए बाकायदा पंडित बुलाये गए। विवाह की वेदी सजाई गई। गाय के बछड़े बछिया को वर बधू की तरह कपड़े पहनाए गए। वेदी के फेरे कराए गए। इस बीच गांव परिवार की महिलाएं विवाह गीत गाती रही। इन रस्मों के बाद पूरे गांव को भोज दिया गया। यहां तक कि वर-वधू बनाये गए बछड़े और बछिया को दहेज भी दिया गया। वृद्धा ने इस शादी से पहले गांव में लोगों को पीले चावल का न्यौता देकर आमंत्रित भी किया। रिश्तेदारों को शादी में बुलावा भेजा गया, जिसमें दूर-दूर से रिश्तेदार भी शामिल हुए।
ग्रामीण इलाकों खास तौर पर राजस्थान से यहां आए राठौड़ परिवारों में माना जाता है कि निसंतान अगर इस तरह की शादी की रस्म करवाकर बछड़े बछिया को ताप्ती के पास छोड़ दे तो पुण्य मिलता है। वर पक्ष के लोग मानते हैं कि गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि मृत आत्मा की शांति के लिए इस तरह के अनुष्ठान किए जाने चाहिए। बहरहाल पूरे इलाके में इस शादी की खूब चर्चा है। जहां परिवार और ग्रामीण इसे आस्था से जोड़कर देख रहे है तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास मान रहे हैं।