बाबरी विध्वंस: फैसले के बाद पीएम मोदी ने की बैठक, शाह ने कहा पार्टी है साथ
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के बड़े नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत धारा 120 बी के तहत मामला चलाए जाने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में बाबरी विध्वंस से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार में हलचल का माहौल है। बता दें कि इस फैसले के बाद लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित 13 अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ बाबरी विध्वंस करने में आपराधिक षड़यंत्र का मामला चलाया जाएगा।
पीएम ने की बैठक
फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू समेत अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की। इस दौरान यह खबर भी आई कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आडवाणी से बात कर कहा है कि पार्टी उनके साथ है।
वहीं फैसले के बाद बुधवार शाम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, आडवाणी के घर पहुंचे। उनकी इस मुलाकात में क्या हुई ये कोई नहीं जानता? हालांकि माना जा रहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद की स्थिति को लेकर ही उनके बीच ये मुलाकात हुई है।
उमा ने कहा
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती सामने आई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ने से इंकार तो किया ही साथ ही अयोध्या जाने का ऐलान कर दिया। हालांकि बीजेपी कोर कमेटी ने उमा भारती के अयोध्या जाने के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया है। इससे पहले उमा भारती ने कहा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा।
पद से नहीं दूंगी इस्तीफा
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि खुद पर षडयंत्र का मुकदमा चलाए जाने पर वो अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि जो बात कोर्ट ने कही है मैं उसपर विवेचना नहीं करना चाहती, यह कोर्ट का अपमान होगा। मैं एक ही बात कहना चाहती हूं कि जो हुआ सब कुछ खुल्लम खुल्ला था, मन, वचन और कर्म से मैं भव्य राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हूं। उन्होंने कहा कि षडयंत्र की बात तो तब होती जब मैं कुछ छिपाना चाहती, मैं गर्व से कहना चाहती हूं कि मैंने राम मंदिर के आंदोलन में हिस्सा लिया।
जेटली ने इस प्रश्न को बताया काल्पनिक
गौरतलब है कि अदालत के इस फैसले को राजनीतिक जानकार भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के राष्ट्रपति बनने की संभवानों के झटके के तौर पर देख रहे हैं।जानकारों के मुताबिक आडवाणी और जोशी बीजेपी के बड़े नेता हैं। राष्ट्रपति के चुनाव में उनके नाम आ सकते थे, लेकिन अब कोर्ट के आदेश की वजह से कहीं न कहीं वो इस रेस में पिछड़ सकते हैं। हालांकि इस मसले पर अरुण जेटली ने पत्रकारों से कहा कि दो उच्च पदों के लिए किए जा रहे सवाल काल्पनिक हैं।
ये भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आडवाणी से मिले जोशी, क्या हुई बात?