जन्म देने वालों ने जिस बेटी को कूड़े के ढेर में फेंका वो एमपी के नीमच से नए माता-पिता के साथ अमेरिका रवाना
नीमच। डेढ़ साल पहले जब यह बेटी दुनिया में आई तो इसके अपनों ने मरने के लिए कूड़े के ढेर में फेंक दिया, मगर सांसों की डोर लम्बी और किस्मत अच्छी थी कि रोती-बिलखती इस मासूम बच्ची पर लोगों की नजर पड़ गई। लोगों ने अस्पताल पहुंचाया और वहां से स्वस्थ्य के होने के बाद नीमच शिशु बाल गृह पहुंची। अब इसे अमेरिकी दम्पति के रूप में नए माता-पिता मिले हैं।
बता दें कि नीमच शिशु बालगृह में पल रही डेढ़ साल की बेटी को अमेरिका के मिसिसिपी प्रांत के रहने वाले माइकल कोरी हैनकॉक और उनकी पत्नी एरिका ने गोद लिया है। माइकल अमेरिका के एग्रिकल्चर कॉलेज में अकाउंटेंट हैं। इनकी शादी को 10 साल पहले हुई थी, लेकिन अभी तक कोई संतान नहीं हुई थी।
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माइकल और एरिका को एक एजेंसी के माध्यम से मध्य प्रदेश के नीमच के शिशु बालगृह में पल रही अनाथ बच्ची के बारे में पता चला तो पति-पत्नी यहां सम्पर्क कर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई। हाल ही एरिका और माइकल भारत पहुंच और नीमच के शिशु बालगृह से बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर उसे अपने साथ अमेरिका ले गए।
बता दें कि नीमच शिशुगृह से अनाथ बच्ची को विदेशी दंपति द्वारा गोद लेने का महीनेभर में यह दूसरा केस है। इससे पहले इसी साल 13 नवंबर को इसी बाल शिशु गृह से एक डेढ़ साल के बच्चे को यूरोप से आए दंपति ने गोद लिया था।