सड़क किनारे मजदूर की लाश के पास रोती रहीं तीन बेटियां, ट्रक में मौत के बाद छोड़कर भागा ड्राइवर
शिवपुरी। देशभर से प्रवासी मजदूरों के हजारों किलोमीटर दूर अपने घर पहुंचने के लिए पलायन करने के दर्दनाक मंजर और सड़क हादसों में उनकी मौत की घटनाओं के बीच ऐसी खबर सामने आ रही है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के करेरा इलाके में एक लाश सड़क किनारे पड़ी थी और वहां तीन बच्चियां बहुत देर तक रोती रहीं।दरअसल एक ट्रक ड्राइवर लाश को छोड़कर फरार हो गया था। मृतक की बेटियों को भी उसने वहीं उतार दिया और ट्रक लेकर चला गया।
इस बारे में करेरा के तहसीलदार गौरी शंकर बैरवा ने बताया कि एक श्रमिक अपनी तीन नाबालिग बेटियों के साथ ट्रक से मुंबई से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जा रहा था। रास्ते में श्रमिक की मौत हो गई जिसके बाद ट्रक ड्राइवर ने उसकी लाश को सड़क किनारे छोड़ दिया और तीन बेटियों को भी वहीं उतार दिया। मृतक की बेटियां वहां बहुत देर तक रोती रहीं। स्थानीय लोगों ने जब उनको देखा तो फिर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस बारे में पुलिस ने बताया है कि श्रमिक की मौत किस वजह से हुई है इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। श्रमिक के सैंपल को कोरोना वायरस की जांच के लिए भेज दिया गया है।
आजमगढ़
के
दो
लोगों
की
हादसे
में
मौत
दिल्ली
से
आजमगढ़
जा
रही
सवारियों
से
भरी
बोलेरो
आगरा-लखनऊ
एक्सप्रेस
वे
पर
दुर्घटनाग्रस्त
हो
गई
जिसमें
2
की
मौत
हो
गई
और
19
लोग
घायल
हो
गए।
घायलों
को
उपचार
के
लिए
स्थानीय
स्वास्थ्य
केंद्र
भेजा
गया
है।
पुलिस
ने
शव
को
कब्जे
में
लेकर
पोस्टमॉर्टम
के
लिए
भेजने
की
कानूनी
कार्रवाई
की।
जिलाधकारी
रवींद्र
कुमार
ने
बताया
कि
बोलेरो
पिकअप
का
पिछला
पहिया
निकल
गया
जिससे
गाड़ी
अनियंत्रित
होकर
पलट
गई।
आजमगढ़
प्रशासन
से
वार्ता
हो
रही
है,
मृतकों
और
घायलों
के
परिवारों
से
संपर्क
किया
जा
रहा
है।
मृतकों
के
नाम
रामजीत
और
सुरेन्द्र
कुमार
हैं।
औरैया हादसा: मज़दूरों के शव भी 'मज़दूरों की तरह' ही भेज दिए गए