मध्य प्रदेश : 45 की उम्र में 16वीं बार बनीं मां, इस बार जच्चा-बच्चा दोनों नहीं बच सके
दमोह। उम्र 45 साल। बच्चे सौलह। 4 लड़के और इतनी ही लड़कियां जिंदा। बाकी की मौत हो गई और इस बार 16वें बच्चे के साथ खुद भी चल बसी। मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले के बटियागढ़ पुलिस थाना इलाके के गांव पाडाझिर का है। गांव की सुखरानी नाम की महिला ने शनिवार को 16वें बच्चे का जन्म दिया।
घर पर हुआ 16वीं प्रसव
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने बताया कि सुखरानी के खून की कमी थी। गर्भधारण के आठवें माह ही उसके प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। परिजनों ने उसे अस्पताल में लाने की बजाय घर पर उसकी डिलीवरी करवा दी।
सेक्टर सुपरवाइजर निलंबित
उसके बाद सुखरानी की तबीयत बिगड़ गई तो उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां सुखरानी और उसके बच्चे की मौत हो गई। मामले की शुरुआती जांच के आधार पर सेक्टर सुपरवाइजर का निलंबित कर दिया गया है।
दो संतान की हो चुकी है शादी
बता दें कि सुखरानी के 7 बच्चों की मौत हो चुकी है। सिर्फ आठ बच्चे जिंदा हैं। इनमें दो संतान की शादी भी हो चुकी है। महज 45 साल की उम्र में 16 बार मां बनने का यह मामला पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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