उज्जैन जेल से 'आजाद' हुए 35 बंदी, 15 साल की सजा काटने के बाद किया रिहा
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन केंद्रीय जेल अधीक्षक द्वारा स्वतंत्रता दिवस एक अच्छा संदेश देकर जेल से 35 बंदियों को छोड़ा गया है। सुबह 7:00 बजे जेल प्रांगण में जेल अधीक्षक अलका सोनकर द्वारा झंडावंदन किया गया और कैदियों को बाहर रहकर लोगों से अच्छे आचरण करने की समझाइश दी गई। झण्डा वंदन के दौरान संपूर्ण जेल पुलिसकर्मी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए दिखाई दिए। कैदियों का मानना है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन हमें भी सच्ची आजादी मिली है।
उज्जैन केंद्रीय जेल से 15 अगस्त को 15 साल की सजा पूरी कर 35 बंदी जेल से रिहा हुए हैं। हर वर्ष केंद्रीय जेल से अच्छे आचरण और जेल में किए अच्छे कार्य को देखते हुए स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों को हिरा किया जाता है। जेल में 15 से 20 वर्षों की सजा काटने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर पूर्ण रूप से स्वतंत्र होने की खुशी सभी 35 बंदियों के चहरे पर साफ दिखाई दी।
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बंदियों को रिहा करने के पूर्व केंद्रीय जेल अधीक्षक अलका सोनकर द्वारा सभी बंदियों को रिहा किया। बंदियों को कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत। चेहरे पर मास्क लगाना। बार-बार सैनिटाइज कर हाथ को धोना। घर जाकर परिवार के साथ सुख और शांति से रहना। सब लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना और बच्चों को उचित शिक्षा का लाभ देना आदि संदेश दिए गए।
जेल अधीक्षक अलका सोनकर के अनुसार स्वतंत्रता दिवस पर जेल से स्वतंत्र हुए कैदियों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि जेल की सुविधाएं बहुत अच्छी है और यहां पर काम के साथ साथ शिक्षा भी दी जाती है। 15 साल से जेल में समय बिताने के दौरान काम से मिलने वाले रुपयों से वे अब घरवालों के साथ जीवन यापन करेंगे।