नोटबंदी की मार, रजाई लेकर बैंकों के बाहर सो रहे लोग
सुबह होते ही एटीएम पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए कई लोग रात में ही एटीम और बैंक के बाहर आकर सो रहे हैं। ठंड से बचने के लिए लोग रजाई और कंबल साथ लेकर आ रहे हैं।
नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद जहां सरकार दावे कर रही है कि लोगों तक नए नोट पहुंचाए जा रहे हैं, वहीं आम लोगों की मुश्किलें बयां करने के लिए ये तस्वीरें ही काफी हैं।
अपने रोजमर्रा का खर्च चलाने की लिए पैसे निकालने और पुराने नोट बदलने की आस में एटीएम और बैंक के बाहर भीड़ का आलम यह है कि लोग रजाई और कंबल लेकर सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।
सुबह होते ही एटीएम पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए कई लोग रात में ही एटीम और बैंक के बाहर आकर सो रहे हैं।
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ठंड से बचने के लिए लोग रजाई और कंबल साथ लेकर आ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि सुबह बैंक और एटीएम पर लंबी लाइन लग जाती है, इसलिए वे रात में ही आकर यहां लेट जाते हैं, ताकि सुबह बैंक खुलने पर उनका नंबर कैश खत्म होने से पहले ही आ जाए।
बैंक के बाहर लाइन में लगे बबलू का कहना है, 'मोदी जी कह रहे हैं कि गरीब लोग चैन से सो रहे हैं और अमीर लोग नींद की गोलियां खा रहे हैं लेकिन जरा हम लोगों की हालत देखिए। अमीर लोग ही आराम से हैं और आसानी से अपना पैसा फेंक सकते हैं।'
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एटीएम के बाहर रात से ही लाइन में लगे रकीक का कहना है, 'मैं कल भी यहां आया था लेकिन खाली हाथ लौट गया। आज भी आया हूं, हम यहां उम्मीद लेकर आए हैं, रुपए मिल गए तो ठीक है, नहीं तो कल फिर आएंगे।'
एटीएम के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहीं दिल्ली के भजनपुरा निवासी मायादेवी ने बताया, 'तीन दिन हो गए, रोज यहां आते हैं और लौट जाते हैं। उम्मीद से आए हैं कि पैसे मिल जाएं।'
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बैंक खुलने के इंतजार में रात से ही खड़े सुनील का कहना है कि घर में शादी है और कई लोगों को पेमेंट करनी है। मैं यहां पैसे निकालने के लिए लाइन में खड़ा हूं और मेरे दो और भाई दूसरे बैंकों के बाहर लाइन में लगे हैं।
गौरतलब है कि 8 नवंबर की आधी रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद से ही लोग अपने पुराने नोट बदलने और एटीएम से नए नोट निकालने के लिए लाइनों में लगे हैं।