तो इस वजह से भड़का लुधियाना जेल में दंगा, सामने आया ये कारण
लुधियाना। पंजाब की जेलों में गैंगवार शुरू होने से जेलों में बंद खूंखार कैदियों के सलाखों के अंदर दबदबे का प्रत्यक्ष प्रमाण है। नाभा जेल के बाद अब गुरुवार को लुधियाना जेल के अंदर जो हुआ वह रोंगटे खड़े करने वाला है। जेल प्रशासन ने बुधवार को यहां घटे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया होता तो शायद आज इतनी बड़ी वारदात न होती।
कैदी की मौत के बाद बढ़ा तनाव
दरअसल, गैंगस्टर्स के एक गुट के कैदी की बीती रात हुई मौत के बाद हालात तनावपूर्ण बन गए थे। बताया जा रहा है कि जेल में गैंगवार की वजह सनी नाम के कैदी की बुधवार रात को मौत होना रही। इस बारे में पुलिस की मानें तो सनी की सेहत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, यहां से पटियाला के अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन ने सनी की मौत को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे सनी की मौत के बाद उसके साथी कैदी भड़क उठे। कैदियों का आरोप है कि सनी को पुलिस ने मारा है। जैसे ही गुरुवार दोपहर भोजन के दौरान सनी की मौत का पता चला तो कैदी पुलिस पर टूट पड़े। जेल में पथराव शुरू हो गया।
पुलिस पर भारी पड़े अपराधी
जेल में मौजूद अपराधी पुलिस पर भारी पड़े और पथराव के बाद हालात बेकाबू हो गए। पथराव में लुधियाना के सहायक पुलिस आयुक्त संदीप वडेरा सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हिंसक टकराव में 15 कैदी और पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। एसीपी वडेरा के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। भड़के कैदियों ने उनकी गाड़ी को आग लगा दी। जेल में आग बुझाने के लिए दमकल गाड़यिां भी बुलाई गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने अपनी सुरक्षा में गोलियां चलाई, जिसमें एक कैदी की मौत हो गई और चार अन्य भाग गए, लेकिन उन्हें काबू कर लिया गया। फायरिंग में मारे गए व्यक्ति की पहचान संदीप सूद के रूप में हुई है। फायरिंग के बीच कई कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश भी की। स्थिति का फायदा उठाकर तीन कैदियों ने भागने की कोशिश भी की, जिन्हें पुलिस ने धर दबोचा। जिससे यहां तनावपूर्ण महौल बना हुआ है।
जेल के बाहर से कैदियों को मिले निर्देश
माना जा रहा है कि ऐसा करने के लिए जेल के बाहर से ही कैदियों को निर्देश आए और उनमें जेल के अंदर मोबाइल तक कैदियों की पहुंच ने अहम भूमिका अदा की। बताया जा रहा है कि घायल कैदियों को अस्पताल नहीं ले जाया गया है, उनका प्राथमिक उपचार जेल में ही किया जा रहा है। जिला उपायुक्त पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के लिए जेल में पहुंचे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब की सबसे सुरक्षित कहे जाने वाली नाभा जेल में बेअदबी के आरोपी महिंदरपाल बिट्टू की दो अन्य कैदियों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद कैप्टन सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर है और वह जेल मंत्री रंधावा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पंजाब की जेलों के हालात संतोषजनक नहीं है। जेलों में नशाखोरी बढ़ती जा रही है। आए दिन मोबाइल और नशे की खेप बरामद हो रही है। कुल मिलाकर जेलों में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था सरकार पर सवालिया निशान छोड़ रही है।
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